स्वच्छ भारत मिशन को आजाद भारत की सबसे बड़ी योजना -डॉ. निर्मल

दलितों का हो रहा सशक्तिकरण?

संजय मौर्य 

कानपुर। देश को सामाजिक विषमताओं से बचाने का काम बहुत जरूरी है। योजनाओं से दलितों का सशक्तिकरण हो रहा है? पहली बार दलितों के लिए समग्र विकास का एजेंडा लेकर सरकार आई है। ये बातें कानपुर के रामलीला मैदान में महादलित परिसंघ के तत्वावधान में सामाजिक समरसता सम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि रहे उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कही है। 

डॉ. निर्मल ने स्वच्छ भारत मिशन को आजाद भारत की सबसे बड़ी योजना बताया है। उन्होंने कहा कि हाथ से मैला उठाए जाने का काम पूरे देश में लगभग खत्म हो गया है। यह प्रथा मुगल काल से चली आ रही थी। ये काम कौन समाज कर रहा था ? इसे बताने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस की सरकारों ने इसे खत्म करवाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। प्रदेश की सरकारें भी उदासीन रहीं और दलित समाज इस कलंक को ढोने के लिए मजबूर रहा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलितों के अपमान की इस प्रथा पर विराम लगाया है। हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम-2013 प्रदेश में प्रभावी होने के उपरांत प्रदेश के 45 जनपदों के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में 37, 379 स्वच्छकारों को चिन्हित कर 128.11 करोड़ की धनराशि उनके खाते में उपलब्ध करवाई गई तथा स्वच्छकारों को 3.51 करोड़ रुपए अनुदान की धनराशि उपलब्ध कराकर वैकल्पिक रोजगार में लगाया गया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर में शौचालय का निर्माण कर अमीर हो या गरीब सभी के घर में इज्जत घर का सपना पूरा किया। ऐतिहासिक महाकुंभ मेले में सफाई कर्मचारियों के पैर धोकर ये संदेश भी दिया कि सम्मान सभी का होना चाहिए। जो दिन-रात हमें स्वच्छ और स्वस्थ रखने के लिए काम करते हैं, उनके ऊपर हमें गर्व होना चाहिए। 

जब प्रधानमंत्री ने इतिहास में पहली बार सफाई कर्मचारियों के पैर धोकर उन्हें सम्मानित किया। कश्मीर के बॉर्डर पर आए दिन सेना के जवान शहीद हो जाते थे। आतंकवादी कश्मीर में छुपकर ये खेल देश की आजादी के बाद से ही खेल रहे थे। केंद्र और प्रदेश की सरकारें केवल मुआवाजा देने का काम करती थीं। जवानों के शहीद होने पर केवल बातें होती थीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उस धारा को ही खत्म कर दी, जो जवानों को शहीद करवा रही थी। धारा 370 खत्म होने के बाद आतंकवाद में काफी कमी आई है। लाखों जवानों का जीवन सुरक्षित है। 

हमारी बहनों का सुहाग और बच्चों के सिर पर बाप का साया बना रहे इसके लिए धारा 370 खत्म कर हमारे प्रधानमंत्री जी ने ऐतिहासिक काम किया है। धारा 370 खत्म होने के बाद वहां के दलित और सफाई कर्मचारियों को जिन्हें सफाई के अतिरिक्त अन्य प्रशासनिक सेवाओं में जाने का अवसर नहीं मिला, वह अब सरकारी सेवाओं में भी भागीदारी कर रहे हैं।  हम इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को कोटि-कोटि धन्यवाद देते हैं।मुख्यमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजनाओं का लाभ आज हाशिए के समाज को मिल रहा है। खुले आसमान के नींचे रात गुजारने वाला हमारा समाज आज सुरक्षित अपने बच्चों के साथ घर के अंदर सो रहा है, यह हमारे विकास का पहला चरण है। जब हम सुरक्षित रहेंगे, तभी विकास के बारे में सोच सकेंगे। स्टैंडअप इंडिया और दीनदयाल उपाध्याय योजनाओं से दलितों को न केवल स्वरोजगार मिल रहा है, बल्कि वह रोजगार देने के काबिल भी हो रहे हैं। 

हमें ऐसी प्रतिभाओं का भी सम्मान करना चाहिए, जो हाशिए से हैं..

हमें ऐसी प्रतिभाओं का भी सम्मान करना चाहिए, जो हाशिए से हैं और स्वरोजगार से दूसरों को भी रोजगार देने का काम कर रहे हैं। हर वर्ष बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती और महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है। सरकारें आती और चली जाती हैं, लेकिन बाबा साहेब के पंचतीर्थ को बचाने और उसे विश्व पटल पर लाने का काम किसी ने किया तो केवल नरेंद्र मोदी ने किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर को वैश्विक सम्मान दिलवाया। लन्दन स्थिति डॉ. आंबेडकर का आवास नीलाम होने से बचाकर उसे स्मारक के रूप में विकसित किया।  डॉ. आंबेडकर से जुड़े पंच तीर्थों यथा जन्मस्थल महू, शिक्षा स्थल 10 किंग्स हेनरी रोड लन्दन, दीक्षा स्थल नागपुर, निर्वाण स्थल 26, अलीपुर रोड दिल्ली और चैत्यभूमि मुंबई को भव्य स्मारकों का स्वरूप दिया। 

इसी प्रकार बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर की फोटो को प्रदेश के सभी कार्यालयों में लगवाया और प्रदेश में दलित उत्पीड़न पर दोषियों के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की। इतना ही नहीं बल्कि पहली बार दलितों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए योजनाएं चलाकर उन्हें रोजगार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। यह काल योगी मोदी युग दलितों के लिए स्वर्णिम युग है। हमारे महादलित परिसंघ के लिए गौरव की बात है और बाबा साहब का सम्मान पूरे देशवासियों का सम्मान भी है।

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