ईद गई बकरीद गई हुआ नहीं दीदार कितना तड़पाओगी हमको ऐ मेरी सरकार:-पण्डित बेअदब लखनवी

मनोज मौर्य 


लखनऊ | सिक्खों के प्रथम गुरू गुरू नानक देव जी के प्रकाश पर्व व कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर मार्तण्ड साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था, लखनऊ पंजीकृत के तत्वावधान में एक आॅनलाईन काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । इस अवसर पर वरिष्ठ कवि कृष्णानंद राय, गोविंद नारायण मिश्रा राजस्थान की अध्यक्षता में समारोह सम्पन्न हुआ तथा मुख्य अतिथि शिव प्रकाश दधीच बीकानेर राजस्थान एवं विशिष्ट अतिथि श्रीमती संजू श्रृंगी राजस्थान रहीं। मुख्य संयोजन महामंत्री सुरेश कुमार राजवंशी जी ने किया। कार्यक्रम का संचालन बाबू बम चकरी बीकानेर राजस्थान ने किया। कार्यक्रम का संयोजन आभा मिश्रा कोटा राजस्थान (सचिव राजस्थान मार्तण्ड सा०सा०एवं सा० संस्था,भारत, लखनऊ) ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ आरती तिवारी 'सनत' की वाणी वंदना से हुआ। कवि गोविंद नारायण मिश्रा ने--यह वक्त गुजर जाएगा, यह दौर निकल जाएगा।जो कल का आशियां था, वह आज बदल जाएगा। सुना कर मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि जुगल किशोर पुरोहित बीकानेर से--गुरु तो ज्ञान देते हैं गुरु विद्या सिखाते है,गुरु का मान करना है। सदा सम्मान करना है। सुना कर खूब वाहवाही बटोरी। कवि सुरेश कुमार राजवंशी ने --नीम आम पीपल सहित, बट पाकड़ कचनार, इनके रोपड़ से करो, पर्यावरण सुधार । सुना कर मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि बाबू बम चकरी बीकानेर से--मत बैठो पाटो पर , कोरोना हावी होता है ।गफलत का नतीजा , सदा प्रभावी होता है । सुना कर मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि शिव प्रकाश दाधीच बीकानेर ने - पिताहमारे जिन्दगी में आये गमों व तूफानों का रूख मोड देते हैं । सुना कर खूब तालियां बटोरी। कवि सरस्वती प्रसाद रावत-- सुरा शराबी सो कहे, तूं क्यो पीता मोय । एक दिन जल्दी आयगा, पी जाऊंगी तोय, सुना कर खूब तालियां बटोरी। कवयित्री संजू श्रृंगी--भूल कर गम जरा मुस्कुराओ तो सही, जिन्दगी से कभी हाथ मिलाओ तो सही। सुना कर मंत्रमुग्ध कर दिया। कवयित्री- मंजु कट्टा "सजल " नागौर ने - वक्त किसी का इंतजार नहीं करता। अपने हाथों किसी को जार जार नहीं करता। सुना कर खूब तालियां बटोरी। कवयित्री आभा मिश्रा ने -- राम भी तुम रहीम भी तुम , दीन दुखियों का संसार भी तुम। सुना कर खूब वाहवाही बटोरी। पण्डित बेअदब लखनवी ने - ईद गई बकरीद गई हुआ नहीं दीदार, कितना तड़पाओगी हमको, ऐ मेरी सरकार सुना कर मंत्रमुग्ध कर दिया। कवियत्री प्रभा प्रकास कोचर ने -- वेदों के रचयिता, गुरु औके गुरू वेद व्यासजी को मेरा शत शत नमन, गुरु बिन ज्ञान कहा पहला गुरू मेरी माँ उसे सादर नमन, सुना कर खूब वाहवाही बटोरी। कवयित्री आरती तिवारी 'सनत' ने मां सरस्वती मैया मुझको वरदान तो दो। सुना कर खूब वाहवाही बटोरी।



आॅनलाईन गोष्ठी में उपस्थित कवि गोविंद नारायण मिश्रा, कवि पण्डित बेअदब लखनवी, कवि एस0 के0 राजवंशी, बीकानेर से कवि जुगल किशोर पुरोहित, बीकानेर से ही कवि शिव प्रकाश दाधीच , बीकानेर के हास्य कवि बाबू बम चकरी , नागौर से कवयित्री मंजू कट्टा 'सजल' कवयित्री प्रभा प्रकाष कोचर, कवयित्री आरती तिवारी 'सनत', कोटा राजस्थान से कवयित्री आभा मिश्रा, कवि एस.पी.रावत, कवियत्री संजू श्रृंगी सहित बीसियों कवियों ने अपनी समसामयिक रचनाओं को सुनाकर श्रोताओं की तालियाँ बटोरी। समारोह में अनेक समाज सेवियों ने सहभागिता की !


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