यही समय की पुकार

नारी सशक्तिकरण



प्रतिभा दुबे " अभिलाषी"


क्यों सुनती हो दुनिया की


दुनिया का काम है कहना


ऊंच-नीच कुछ हो जाए तो


नारी के नाम का तना है।।


अबला बन मत काम करो


अपनी शक्ति को पहचानो


नारी अपनी पर जब आ जाए


तो मुठ्ठी में उसके ज़माना है।।


कुच करो पुराने विचारों से


कुरीतियों को अब हटाना है


नई पीढ़ी को अब है " नारी "


तुम्हें संस्कारवान बनाना है


बनकर सशक्त अब तुमको


एक नया इतिहास रचना है।।


नवीन विचार के सूरज से


एक नया सवेरा लाना है ,


बनकर सूरज का प्रकाश


हर अंधकार को मिटाना है।।


उठो अपनी शक्ति को पहचानो


अब कुछ ऐसा करके दिखाना है


वर्तमान समय कि पुकार यही


"नारी सशक्तीकरण " का जमाना है।।


 


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