*तानिया*

*हाॅट गर्ल


*तानिया* के पास काॅलेज की सबसे हाॅट गर्ल का मौखिक खिताब तब तक था जब तक की मोना नहीं आई थी। मोना के आते ही काॅलेज के युवा दिल गुड़ के आसपास मक्खी के समान उसके आगे-पीछे घुमते नज़र आने लगे। मोना की नोट्स की मांग हो या असाइनमेंट लिखने हो, एक से बढ़कर एक लड़के मोना की चाकरी करने में अपना सौभाग्य समझते। मोना के साथ ही अभिनव ने भी प्रथम वर्ष में एडमिशन लिया था। उसकी पर्सनैलिटी प्रभावी थी। अन्य युवकों को डर था की मोना अपना दिल अभिनव को न दे दे।


तानिया भी काॅलेज के सबसे डैसिंग और हेंडसम अभिनव को अपना दिवाना बनाने की पुरी कोशिश करती। ऐसा करने से हाॅट गर्ल का खिलाब उसे पुनः मिल सकता था। मोना स्वयं जान चुकी थी की अभिनव जैसे होनहार और स्मार्ट लड़के की बगल में खड़े होने मात्र से उसका कद काॅलेज में और भी अधिक बड़ जायेगा।


अब अभिनव को फैसला करना था की वह तानिया और मोना में से किसके सात डेट पर जाना पंसद करेगा? एक अप्रत्यक्ष-सी होड़ तानिया और मोना के मध्य देखी जाने लगी। मगर अभिनव था की दोनों लड़कीयों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान नहीं देता। ऑडिटोरियम में प्ले की रिहर्सल के दौरान तानिया और मोना अभिनव के लिए आपस में भिड़ गयी। आरती ने बीच में आकर दोनों के मध्य सुलह कराने की कोशिश की। आखिर में सभी ने अभिनव को ही निर्णय लेने को कहा। उसे दोनों में से जो सबसे हाॅट लगती हो, अभिनव उसे अपनी गर्लफ्रेंड बना सकता था।


अभिनव सारा मामला समझ चुका था। थोड़ा चुप रहकर वह बोला- "मेरी नज़र में आरती सबसे हाॅट है।" अभिनव ने ये क्या कह दिया था? वो आरती के विषय में ऐसा सोच भी कैसे सकता था? एक तो वह फायनल ईयर की स्टूडेंट थी और उस पर आरती का पहनावा एकदम सादा था। सिवाये सलवार-सुट के उसे अन्य कपड़ों में किसी ने देखा नहीं था। श्रृंगार तो उसे कभी छुकर भी नहीं गुजरा। फैशन के इस दौर में भी उसने अपना व्यक्तित्व इससे प्रभावित होने नहीं दिया था। "अभि! तुम्हें पता है तुम क्या कह रहे हो?" मोना बोली। "हां मोना! मुझे पता है कि मैं क्या रहा हूं।


आप लोगों की नज़र में जींस के फटे-पुराने चिथड़े पहनना और भद्दा टाॅप पहनकर अंग प्रदर्शन करने वाली लड़की सबसे हाॅट गर्ल हो सकती है लेकिन मेरी नज़र में नहीं। मेरी नज़र में वह लड़की सबसे हाॅट है जो सिर से पैर तक ढकी है। जिसकी आंखों में शर्म है। जिसकी हल्की मुस्कान सीधे हृदय में उतर जाये। जो अपने बालों की नुमाइश न करे बल्की प्रकृति स्वयं जिसके केश से अटखेलियां करे। जिसे खुबसूरत दिखने के लिए मेकअप रूपी बेसाखी का सहारा न लेना पड़ता हो। और सबसे से बड़ी बात। जिसकी बातों में इतना नशा हो की बिना पीये ही शराब चढ़ जाये। बार-बार जिसे सुनने का मन करे। कुल मिलाकर वह लड़की जो सिर्फ देखने भर के लिए लड़की न हो बल्की आचार-व्यवहार से झलके की वह एक लड़की ही है।


मेरी नज़र में वही सबसे हाॅट गर्ल है। और आरती बिल्कुल वैसी ही है जैसा मैंने बताया।" अभिनव ने एक सांस में कह दिया। यह निश्चित ही नज़रीये का फर्क था। जो अभिनव और वहां उपस्थित अन्य के मध्य साफ देखा जा सकता था। सभी ने पहली बार आरती को इतनी गौर से देखा। इतना व्यापक दृष्टिपात होते आरती स्वयं पर पहली देख रही थी। उसकी साधारण छवी की इतनी मनमोहक व्याख्या किसी ने पहली बार की थी। वह भी अभिनव जैसे युवक ने। तानिया और मोना के लिए यह एक अनोखी सीख थी। जिससे वे दोनों यह जान सकी की मात्र मन-मोहक वस्त्रों और नशीली अदाओं से सभी को प्रभावित नहीं किया जा सकता। अब भी अभिनव जैसे युवक है जो सिर्फ सादगी पर मरते है।


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