ममता की छाँव में नन्हे-मुन्नों ने दी कोरोना को मात...

वशिष्ठ मौर्य 


जिले के 142 बच्चे स्वस्थ होकर परिवार के बीच बिखेर रहे खुशियां


देवरिया,। जिले में दस साल तक के आयु वर्ग के बीमार हुए 142 बच्चे कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं। सबसे अच्छी बात यह रही कि कोरोना से जिले में किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। जिले में मई से सितम्बर तक एक माह से लेकर दस साल तक के करीब 142 बच्चे कोरोना से बीमार हुए हैं, जिनमें से सभी बच्चे कोरोना को मात देकर परिवार के बीच खुशियां बिखेर रहे हैं।


जिले में दो से आठ महीने तक के ऐसे मासूम बच्चे भी हैं, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो परिवार एकदम चिंता में डूब गया, लेकिन जब उन्होंने हसते-मुस्कराते कोरोना के मात दे दी तो परिवार की खुशियां दुगनी हो गई। यह वह बच्चे हैं, जो परिवार के बीच रहकर ही बीमार हुए, लेकिन बिना चिंता किए कोरोना से मुक्त भी हो गए।


क्योंकि जब नन्हे बच्चे कोरोना को मात दे सकते हैं तो बड़े भी कोरोना को आसानी से हरा सकते है। जब यह बच्चे भर्ती हुए तो कोरोना का सामना बच्चे के साथ मां ने भी किया। जिले के सदर ब्लॉक के सोंदा का एक माह का बच्चा सबसे कम उम्र में बीमार हुआ है। तरकुलवा ब्लॉक का ढाई माह, सदर ब्लॉक के देवरिया खास में दस माह बालक कोरोना को मात दे चुका है। स्वस्थ हुए यह बच्चे संदेश दे रहे हैं कि कोरोना से डरें नहीं, सिर्फ सावधानी बरतें। अगर लापरवाही बरतेंगे तो घर में बच्चे भी बीमार होंगे। बेटी पॉजिटिव आई तो बढ़ा तनाव तरकुलवा ब्लाक रहने वाले पवन मिश्रा और संजना मिश्रा के साथ ढाई माह की वैष्णवी भी कोरोना से बीमार हो गई। इतनी कम उम्र की बेटी को लेकर परिवार तनाव में आ गया, लेकिन हिम्मत से काम लिया तो परिवार के सदस्यों के साथ बेटी भी कोरोना मुक्त हो गई। 6 अगस्त को पॉजिटिव आने के बाद मां के साथ अस्पताल में भर्ती कराया। बालिका के बाबा सुरेंद्र मिश्र बताते हैं कि माता-पिता के साथ बेटी भी पॉजिटिव थी। रिपोर्ट आने के बावजूद पास-पड़ोस के लोगों ने दूरी बना ली है। इस मुश्किल दौर में पूरा परिवार एक साथ खड़ा रहा। अस्पताल में थोड़ी बहुत दिक्कत आईं लेकिन चिकित्सकों और स्टॉफ का व्यवहार काफी अच्छा रहा। नन्हे मुन्नों की माताओं के हौसले को सलाम सीएमओ डॉ. आलोक पांडेय ने बताया कि अबतक जिले के 142 बच्चे कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं। अस्पताल में रहते हुए इन बच्चों ने ममता की छांव में रह कर कोरोना को हराया है। इन बच्चों के साहस और माँ के हौसले ने कोरोना को मात दिया है। इनसे सभी को सीख लेने की जरुरत है। कोरोना से डरना नहीं, बल्कि सतर्कता रख इसे हराने की जरुरत है।


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