कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं, उपचार संभव: डॉ इरशाद

वशिष्ठ मौर्य 


ब्लॉक कर्मियों को किया गया प्रशिक्षित


देवरिया | राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला कुष्ठ कार्यालय में शुक्रवार को ब्लॉक कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया|इस दौरान कुष्ठ रोग से दिव्यांगता एवं स्वरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ. इरशाद आलम खान ने कहा कि कुष्ठ रोग के संपूर्ण उन्मूलन के लिए स्वास्थ विभाग सजग है। विभाग द्वारा कुष्ठ रोग को जड़ से समाप्त करने के संकल्प के तहत अब कुष्ठ से दिव्यांग हुए मरीजों की पहचान की जा रही है।


उन्होंने कहा कि स्थानीय पीएचसी, सीएचसी क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य कर्मियों और आशा को कुष्ठ रोगियों की पहचान तथा उन्हें इलाज कराने के लिए प्रेरित करना चाहिए उन्होंने कहा कुष्ठ लाइलाज बीमारी नहीं है। इलाज के द्वारा इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कुष्ठ रोग का इलाज मुफ्त में किया जाता है तथा इसके लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ केन्द्रों में दवा उपलब्ध है। प्रशिक्षण देते हुए डब्ल्यूएचओ के जोनल कोआर्डिनेटर डॉ. सागर घोड़ेकर ने स्वास्थ्यकर्मियों को कुष्ठ रोगियों की पहचान कैसे करें इसके बारे मे बताया। डॉ. सागर ने कहा कुष्ठ रोगियों की पहचान होने के बाद प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र तक पहुंचाने के लिए उन्हें कैसे प्रेरित करें। प्रशिक्षण में रामायन तिवारी, उपेंद्र दत्त राय, जीतेन्द्र कुमार, मृतुन्जय उपाध्यक्ष सहित अन्य ब्लॉक कर्मी मौजूद रहे। 65 रोगियों का चल रहा है इलाज जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ इरशाद आलम खान ने बताया अप्रैल 2020 से सितम्बर 2020 तक जिले में 65 कुष्ठ रोगियों को चिन्हित किया गया है, जिनका इलाज किया जा रहा है। साथ ही योजना के तहत सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कुष्ठ रोग से दिव्यांग हुए 599 लाभार्थियों को पेंशन योजना के तहत 2500 रुपया पेंशन भी दिया जा रहा है, जिसमे 456 पुरुष और 143 महिलाएं शामिल हैं।


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