काव्य सागर साहित्यिक इंदौर की मासिक काव्य गोष्ठी द्वारकापुरी इंदौर के गार्डन में संपन्न हुई...

मनोज मौर्य 


गाँव, गलियां और शहर में महफ़ूज हर बच्ची रहे


काव्य गोष्ठि में हंसी-खुशी के साथ तात्कालिक परिस्थितियों पर ताज़ातरीन रचनाएँ सुनाई


इंदौर। काव्य सागर साहित्यिक इंदौर की मासिक काव्य गोष्ठी द्वारकापुरी इंदौर के गार्डन में संपन्न हुई।


शहर के वरिष्ठ शायर जनाब बालकराम शाद साहब ने काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता की। विशेष अतिथि दिनेश कुमार शर्मा थे। संचालन  सुभाष गौरव ने किया तथा आभार प्रदर्शन संस्था के सदस्य मनोहर लाल सोनी बाबा ने माना। आयोजन में पधारे मेहमनों का स्वागत संस्था अध्यक्ष बृजमोहन शर्मा बृज ने किया।


आयोजन बहुत सफल रहा जिसमें शहर के धर्मेन्द्र कोरी अम्बर, जितेन्द्र शिवहरे, संजय जैन बैनर, सुनील कुमार वर्मा मुसाफिर, जयनारायण पाटीदार कुंवर, शुभमसिंह भदोरिया, चैनसिंह, राहुल मिश्रा आदि ने अपनी-अपनी काव्य आहुतियां दी। बृजमोहन शर्मा बृज ने गज़ल पढ़ी/ बाज़ वो आते नहीं वो मेरा दिल दुखाने से/ धर्मेन्द्र कोरी अम्बर ने पढ़ा- ये कैसा साबुन बेगम ने मुझको दे दिया/ हाथों में सारे बाल नहाने में आ गये/ संजय बैजार ने तात्कालिक परिस्थिति पर पढ़ा/ बहुत लाज़िमीं होतीं हैं बगाव़त जनाब़।


कत्ल जब होंने लगें है सदाक़त जनाब़/मनोहरलाल सोनी बाबा ने पढ़ा-अब तो हो ऐसी इमारत नींव ना कच्ची रहे रात भी अच्छै से गुज़रे और सुबह अच्छी रहे न कोई चीत्कार हो ना, कोई पापी मन बसे गाँव, गलियां और शहर महफ़ूज हर बच्ची रहे।


बालकराम शाद, जयनारायण पाटीदार, राहुल मिश्रा, भगवती बाबु ने भी काव्य पाठ किया। काव्य गोष्ठि का श्रौताओं ने देर तक आनंद लिया। यह जानकारी जितेन्द्र शिवहरे ने दी।


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