बदलते मौसम से सतर्कता बरतें और अपनी सेहत का रखें खास ख्याल रखें -सीएमओ

बुजुर्गों और बच्चों पर विशेष देखभाल जरूरत आज 


वशिष्ठ मौर्य 


आजकल तापमान में उतार-चढ़ाव शुरू हो गया है। दिन का तापमान बढ़ जाता है तो रात में पारा लुढ़क जाता है। ऐसे में थोड़ी भी असावधानी आपकी सेहत बिगाड़ सकती है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग आजकल इसकी चपेट में आ रहे हैं। यदि किसी को गले में खराश, सिर दर्द, सांस लेने में दिक्कत, हल्का बुखार आना, आंखों में जलन और शरीर में दर्द जैसे लक्षण हैं है तो समझ जाइये कि आप बदलते मौसम के कारण कोरोना के भी शिकार हो सकते हैं।


सुबह-शाम गुनगुने पानी में नमल डाल कर गरारे से राहत 


इससे सावधानी रखना शुरू करें और थोड़ा भी बीमार होने पर इलाज करवाएं। मौसम में बदलाव के साथ ही सुबह-शाम गुनगुने पानी में नमल डाल कर गरारे शुरू कर दें। जब घर से बाहर जाएं, तो मास्क जरूर पहनें। सीएमओ डॉ. आलोक पांडेय का कहना है बदलते मौसम के कारण आजकल बच्चों, बड़ों, बुजुर्गों सभी में बीमार होने की समस्या सामने आ रही है।



इसके साथ ही कोरोना के कारण भी लोग बीमार हो रहे हैं। कभी सर्द तो कभी गर्म मौसम होने के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं। इस बदलते मौसम में तापमान के हिसाब से उचित कपड़े पहने, नॉर्मल तापमान के पानी से नहाए व सुबह शाम की ठंड से बचें। उन्होंने बताया कि जिस चीज से आपको एलर्जी है, उसके प्रयोग से बचें। साथ ही सर्दी-जुकाम के शिकार लोगों का सामान इस्तेमाल करने और सीधे-सीधे संपर्क में आने से बचें। उन्होंने बताया कि आपसे किसी और को यह समस्या ना हो, इसके लिए छींकते समय अपने मुंह पर रूमाल जरूर रखें।


थोड़ी से लापरवाही काफी महंगी भी साबित हो सकती


मॉस्क से मुंह और नाक ढकने के लिए इसलिए कहा जाता है ताकि कोरोना का वायरस या कोई अन्य संक्रमण का प्रवेश शरीर में जाने से रोका जा सके। लोग मॉस्क को अक्सर गले में लटका लेते हैं और फिर उसे मुंह-नाक पर लगाते हैं तो इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि गर्दन या चेहरे पर चिपके वायरस के मास्क के जरिये मुंह नाक में जाने की आशंका बढ़ जाती है। मास्क को बार-बार हाथ से छूने से भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। जरा सी लापरवाही कर सकती है बीमार सीएमओ का कहना है कि अगर किसी का शरीर कमजोर है तो लापरवाही काफी महंगी भी साबित हो सकती है।


आजकल सर्दी, जुकाम से लेकर बुखार तक की समस्याएं सामने आ रही हैं। खासकर छोटे बच्चों, महिलाएं जिन्हें एनीमिया की समस्या है। इस बदलते मौसम में दमे के रोगियों की समस्या बढ़ जाती है। यह एक एलर्जिक बीमारी है, जिसमें सांस फूल जाती है और सांस मार्ग सिकुड़ जाता है। इससे सांस की तकलीफ बढ़ जाती है। ऐसे में वायु प्रदूषण, धूल, सिगरेट का धुआं आदि नुक़सानदेह साबित होते हैं। इसलिए जिन चीजों से एलर्जी हो, उनसे दूर रहें।


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