व्यावसायिक जमीन का अधिग्रहण कर सरकार मुआवजा दे....
प्रकाश शुक्ला
उन्नाव | व्यावसायिक जमीन का अधिग्रहण कर सरकार मुआवजा दे रही कृषि योग्य भूमि का और कर रही युवाओं को बेरोजगार। सिकन्दरपुर,उन्नाव का यह मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है कि एनएच 31 के चौडीकरण के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के सापेक्ष उचित मुआवजा न मिल पाने का ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन देने के बाद भी जरूरी कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने विधानसभा अध्यक्ष का दरवाजा खटखटाया है। विस अध्यक्ष ने डीएम को पत्र लिखा है । उन्नाव से लालगंज तक बनने वाले एनएच 31 मार्ग का निर्माण धीरे धीरे शुरू हो गया है । पहले से ही निर्मित मार्ग के किनारे डीप बोर्रिग कर मिट्टी की निचली सतह की जांच चल रही है । अचलगंज में बाईपास होने से कस्बा तो बच गया पर सिकंदरपुर कर्ण कस्बा पूरा हाईवे की परिधि में आ रहा है । एक हफ्ता पहले प्रशासन नै यहां के निवासियों को नोटिस मेजा कि 110 फीट तक आने वाले भवन ओर व्यावसायिक प्रतिष्ठान खाली कर दें। अधिग्रहित की गई भूमि की परिधि में आने वाले मकान मालिकों तक नोटिस पहुंचा तो हङकम्प मच गया । सिकदरपुर कर्ण के सैकडों लोगों को एडीएम से गुहार लगाई कि जो भूमि अधिग्रहित की गई है वह व्यवसायिक है जबकि उसके सापेक्ष मुआवजा कृषि योग्य भूमि का दिया गया है । बात नहीं बनी तो ग्रामीण ने भाजपा जिला उपाध्यक्ष आनंद अवस्थी के माध्यम से विस अध्यक्ष से फरियाद की । बिस अध्यक्ष ह्रदयनारायण दीक्षित ने डीएम क्रो पत्र लिख कर समस्यया समाधान के निर्देश दिए हैं । वही उन्नाव सांसद साक्षी महाराज ने परिवहन मंत्री को लिखा पत्र: इस बारे में सांसद साक्षी महाराज ने परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है । सांसद ने भी अधिग्रहित भूमि का अवासीय दर के हिसाब से मुआवजा देने को मांग की है । आम जन मानस से वार्ता: हमारे परिवारों का भरण पोषण इन्ही दुकानों के माध्यम से होता है।व्यवसाय के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए-हरि कृष्ण उर्फ पुत्तन्नी जमीन का जितना मुआवजा दिया जा रहा है यहा की भूमि के दाम उससे बहुत अघिक है' । सरकार को उस हिसाब से मुआवजा देना चाहिए।जमीन के जाने हमारी दुकानें टूट जाएंगी जिससे हम बेरोजगार हो जाएंगे सरकार को इतना पैसा तो देना ही चाहिए जिसे हम नहीं दुकान खोल सके वरना हम लोग तो बेरोजगार हो जाएंगे एक तरफ तो सरकार यह कह रही है कि हम लोग बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर दे रहे हैं पर हमारे पास जो रोजगार है उसको भी सरकार छीन ले रही है।
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