शराब ठेकों के चलते गरीब महिलाओं के लिए योगी सरकार बनी काल:-ज्योति बाबा
संजय मौर्य
देसी शराब के ठेकों के चलते रामराज में भी महिलाएं हिंसा की शिकार...ज्योति बाबा
कानपुर । दलितों की बस्तियों में देसी शराब के ठेके खोलकर रामराज्य की सरकार में भी पहले से ही आर्थिक रूप से टूटी महिलाएं रोज हिंसा की शिकार बन रही हैं उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में कोरोना मिटाओ नशा हटाओ हरियाली लाओ अभियान के तहत आयोजित वर्चुअल बैठक विषय बढ़ती शराब खोरी और अधिकारों से वंचित होती महिलाएं पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,श्री ज्योति बाबा ने आगे कहा कि जहां हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कुपोषण मिटाओ महिला सशक्तिकरण जैसे भारी भरकम उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बजट का एक बड़ा भाग खर्च कर रहे हैं लेकिन समाज के अंतिम पायदान पर खड़ी महिला शराब खोरी का शिकार बनकर घुट घुट कर जीवनयापन स्वयं के साथ बच्चों को भी कराने को मजबूर हो रही है जहां उसकी आर्थिक हालत कमजोर होने के साथ स्वस्थ व पौष्टिक भोजन के अभाव व जल्दी-जल्दी पेट से होने के चलते कुपोषण का शिकार होकर शराबी परिवार के मुखिया के चलते सरकार की अच्छी योजनाओ में भी लाभ नहीं ले पा रही है कहा जाता है कि स्वस्थ महिलाओं से पूरा परिवार स्वस्थ होता है लेकिन हकीकत में निराशा अवसाद व कुंठा की धरातल पर खड़ी वंचित महिला कैसे स्वस्थ भारत स्वच्छ भारत में अपनी भूमिका निभा पाएगी। नशा मुक्त युवा भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक कुलदीप सिंह परमार एडवोकेट ने बताया की मलिन बस्तियों में शिविर लगाने पर 95% आने वाली बहने अपने शराबी पति के कारण बच्चों को स्कूल भेजना तो दूर ठीक से भोजन भी नहीं करा पाने की बात बताती हैं क्योंकि कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा शराब और जुए में खर्च हो जाता है एक बच्चे ने तो कहा कि मैं बड़ा होकर अपने पिता को मार डालूंगा क्योंकि वह मेरी मां को शराब पीकर रोज मारता है,इसीलिए कम से कम रामराज्य की सरकार में तो पीड़ित महिलाओं को कुछ बेहतर परिणाम दिखाई पड़ने चाहिए।प्रदेश संयोजक ओम नारायण त्रिपाठी ने कहा कि केवल शराब से देश की युवा पीढ़ी का जीवन बर्बाद कर फिर कहें कि हमें सरकार चलाने के लिए राजस्व जरूरी है यह हमारी धर्म नीति के विरुद्ध है हम सरकार से नम्र अनुरोध करते हैं की महिलाओं की जर्जर अवस्था से उबारने के लिए शराब व अन्य नशे को बहुत सीमित करना होगा। वर्चुअल संगोष्ठी का संचालन लिम्का बुक धारी आलोक मेहरोत्रा व संचालन समाज चिंतक राकेश चौरसिया ने किया।अन्य भाग लेने वाले प्रमुख सर्वश्री राजेंद्र कश्यप,संविधान रक्षक दल,बूंदे संस्था के प्रमुख संजीव गुरुजी,महंत राम अवतार दास, एडवोकेट विकास गौड़,अनिल सैनी,स्वामी गीता,अमर सिंह इत्यादि थे ।
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