फसल अवशेषों को कदापि न जलाये बल्कि प्रबंधन कर लाभ उठायें:-जिलाधिकारी
प्रमुख संवाददाता
देवरिया । जिलाधिकारी अमित किशोर ने कहा है कि फसल अवशेष जलाना जहां दण्डनीय अपराध है वही इससे हमारे जीवन के लिये आवश्यक पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा खेत की उर्वरा शक्ति भी नष्ट होती है इस लिये फसल अवशेषें को कदापि न जलाये बल्कि उसका प्रबंधन कर लाभ उठायें। फसल अवशेषो के प्रबधन के लिये कृषि यंत्रो पर छूट की भी व्यवस्था की गयी है। जिलाधिकारी श्री किशोर विकास भवन गांधी सभागार में फसल अवशेष प्रबंधन की आयोजित बैठक में उक्त विचार व्यक्त करते हुए कृषको से अपेक्षा करते हुए कहा कि किसी भी फसल के अवशेष को जलाये नही बल्कि मृदा में कार्बनिक पदार्थो की पादप अवशेषें को मृदा में मिलाये, जिससे कि खेत की उर्वरा शक्ति बढेगी। उन्होने इसके लिये जन जागरुकता पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान में खरीफ फसल की कटाई होनी है। फसल अवशेष पुआल, पराली को जलाये नही बल्कि उसका समुचित प्रबंधन करें। फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिये यंत्रों पर भी छूट के साथ साथ राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा कम्बाईन मशीनो आदि के प्रयोगो के लिये शर्ते भी निर्धारित की गयी है। बिना सुपर स्ट्रा मशीन के किसी भी कम्बाईन मशीन के चलाये जाने को प्रतिबंधित किया गया है। जिलाधिकारी दण्ड के प्राविधानो की जानकारी देते हुए बताया कि दो एकड से कम कृषि भूमि में फसल अवशेष जलाये जाने पर 2500 रुपये की अर्थदण्ड, दो एकड से अधिक किन्तु 5 एकड से कम होने की दशा में रुपये 5 हजार तथा इससे अधिक कृषि भूमि होने व फसल अवशेष जलाये जाने पर प्रथम बार में रुपये 15 हजार के अर्थदण्ड का प्राविधान है। कृषि अपशिष्ट जलाये जाने की पुर्नावृत्ति होने की दशा में संबंधित कृषको को सरकार द्वारा प्रदत्त की जाये वाली सुविधाओ यथा सब्सिडी आदि से वंचित किये जाने की कार्यवाही के निर्देश राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली द्वारा की गयी है। उन्होने कृषको से अपील करते हुए कहा है कि फसल अवशेषों को न जलाये और जुर्माने से बचे। उप कृषि निदेशक डा0 ए0के0 मिश्र ने प्राधिानो के विस्तृत जानकारी दी तथा यह भी कहा कि प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन-सीटू मैनेजमेंट आॅफ क्राप रेजीड्यूू योजनान्तर्गत फार्म मशीनरी बैंक स्थापना की योजना संचालित है। इसके तहत गन्ना समितियां व ग्राम पंचायतें अनुमन्य यंत्रों रुपये 5 लाख तक की क्रय कर सकती है, जिसमें छूट का भी प्राविधान है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शिव शरणप्पा जी एन, प्रभागीय निदेशक पी के गुप्ता, उप जिलाधिकारी गण व अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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