नौकरी का जाना,प्यार में हारना..हल..आत्महत्या तो नहीं.? ज्योति बाबा

संजय मौर्य 


दुखद-किंतु सत्य : वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे पर एक रिपोर्ट..आत्महत्या में कानपुर बना नंबर वन...ज्योति बाबा


नशाखोरी,बेरोजगारी,एक तरफा प्यार..व्यक्ति को पहुंचा रहा आत्महत्या के द्वार...ज्योति बाबा


कानपुर | नौकरी का जाना प्यार में हारना घरेलू हिंसा अनचाहा भय आर्थिक तंगी लाइलाज बीमारी इत्यादि के चलते उत्पन्न भयंकर कुंठा हताशा व निराशा का हल नशे में खोजने के कारण आत्महत्या की दर देश में खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में नशा हटाओ कोरोना मिटाओ हरियाली बढ़ाओ अभियान के अंतर्गत वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे के अवसर पर वर्चुअल संगोष्ठी शीर्षक नशा हिंसा बेरोजगारी कोरोना व आत्महत्या पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,


श्री ज्योति बाबा ने आगे कहा कि आज कम समय में सब कुछ पा लेने का जुनून शॉर्टकट रास्ता अपनाकर मंजिल पर पहुंचने तथा कानून से अपने को ऊपर समझने और ड्रग्स का सेवन करने के कारण प्रदेश में सबसे ज्यादा आत्महत्याओं की दर में कानपूर हो गया है जहां हम महाराष्ट्र के किसानों की आत्महत्याओं के बारे में पढ़कर चकित व द्रवित हो जाते थे लेकिन अब आत्महत्या के केस आपके पड़ोस में मिल जाएंगे,श्री ज्योति बाबा ने कहा की आत्महत्या से बचने के लिए योग ध्यान ग्रुप से जुड़कर अपनी प्रॉब्लम्स और दर्द को गुरुजन व काउंसलर से शेयर करें ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक लोगों के साथ रहने के अलावा अंधेरे या बंद जगह में जाने से बचते हुए एकांतवास ना करें,अपने घर से स्वयं को नुकसान पहुंचाने वाली बंदूक चाकू नशा व जहर को स्वयं हटा दें अपनी समस्याओं को अपनों के बीच शेयर जरूर करें, हमेशा सोचे आप अकेले नहीं हैं क्योंकि हर दर्द का इलाज है जान है तो जहान है,ज्योति बाबा ने कहा कि अपनी उग्र भावनाओं पर नियंत्रण करने के लिए अपने धार्मिक ग्रंथों का मनन चिंतन कर जीवन में उतारें l नशा मुक्त युवा भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक कुलदीप सिंह परमार एडवोकेट ने कहा की बचपन से ही पड़ी नशे की लत किशोरों और युवाओं में एकाकीपन पैदा कर काल्पनिक दुनिया को ही सत्य जान लेने की प्रवृत्ति आत्महत्या के द्वार तक पहुंचा रही है l प्रदेश संयोजक ओम नारायण त्रिपाठी ने जोर देकर कहा कि जिस देश में चींटी मरना भी पाप समझा जाता है उसी देश में अखबारों के माध्यम से पता चला कि पान मसालों में छिपकली तक पीसकर नशा बढ़ाने के लिए मिलाई जा रही है जिससे हर खाने वाले के मस्तिष्क में विकृत मानसिकता के तहत हत्या व आत्महत्या के विचार प्रबलता से आते रहेंगे l संविधान रक्षक दल के राजेंद्र कश्यप ने कहा कि सबसे दुखद पहलू यह है कि बच्चे डिप्रेशन व कुंठा के शिकार बन कर आत्महत्या को अंतिम सत्य मान रहे हैं वर्चुअल संगोष्ठी का संचालन लिम्का बुक धारी आलोक मेहरोत्रा व धन्यवाद समाज चिंतक राकेश चौरसिया ने दिया l अन्य प्रमुख सर्व श्री राम सुख यादव,स्वामी गीता, महंत राम अवतार दास,कमल यादव इत्यादि थे l


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