नशे का कारोबार बना कुटीर उद्योग
राकेश कुमार
ऊँचाहार,रायबरेली।क्षेत्र में नशे का कारोबार कुटीर उद्योग बनता जा रहा है। पैसे की भूख ने आदमी को नैतिक अनैतिक सोचने से दूर करता जा रहा है। लोग कम समय मे अमीर बनने के लिये शार्ट कट रास्ता अपना रहे है जिसके कारण समाज मे नशे का कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी के हिसाब से बढ़ रहा है। इन कारोबारियों की शाशन प्रशासन में इतनी मजबूत पैठ है कि कोई भी जिम्मेदार अधिकारी और जनता इनके खिलाफ बोलने को तैयार नही है। मामला दशकों से चल रहे अवैध नशे के कारोबार का है। जो अर्शे से धीरे धीरे अपना पैर पसार रहा है। अब तो हालात यह है कि लगभग गांवों में इसका कारोबार शुरू हो चुका है। बताते है कि इस कारोबार में लिप्त एक सफेदपोश अपने परिवारीजनों के माध्यम से रायबरेली प्रतापगढ़ बार्डर पर नशे का एक बहुत बड़ा कारोबार चलाता है। जो कई बार अवैध शराब की फैक्ट्री के साथ पकड़ा गया और जेल भी गया परन्तु ऊंची पहुंच और पैसे के लेनदेन के चलते में मुखिया बच जाता है। इस अवैध कारोबारी ने इसी काली कमाई के पैसे को सफेद करने के लिए अन्य कई संस्थान भी खड़े कर लिए है। और लगातार पुलिस प्रशासन के सम्पर्क में बना रहता है। अब बदले हुए हालात में शराब का कारोबार कम करके गांजे का थोक व्यवसाई बन गया है। सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार इस कारोबारी के यहाँ से प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा कई अन्य प्रांतों में भी गांजे की अवैध सप्लाई की जा रही है। इस मामले में पुलिस कभी कभी खाना पूरी के कुछ फुटकर विक्रेताओं एंव सप्लाई करने वालो को गाहे बेगाहे अभियान के दौरान भेजकर अपनी पीठ थपथपा लेती है। लेकिन जानकरों का मानना है कि ईमानदार कप्तान के रहते हुए इस कारोबार पर आखिर पुलिस अब तक कार्यवाह क्यो नही कर पा रही है। नतीजा यह है कि क्षेत्र के लगभग सभी ढाबो, पान की गुमटियों सहित नगर व अन्य गांवों में गांजे का अवैध व्यवसाय खूब फल फूल रहा है। इसके अलावा एनटीपीसी सहित नगर के चौराहे के निकट गांजे का अलावा स्मैक का भी कारोबार तेजी से चल रहा है।परंतु समाज के साथ ही साथ प्रशासन भी इस बावत उदासीन है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात तो यह है कि जिले की एलआईयू इस बावत क्यो कदम नही उठा रही है। इस बावत सीओ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि मामले को गम्भीरता से दिखवाया जाएगा।
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