मुख्यमंत्री जी! 'उत्तर प्रदेश सरकार' लिखी गाड़ी का बीमा फेल क्यो?

संतोष तिवारी  


भदोही। सरकार भले ही यातायात को सुचारू ढंग से चलाने के लिए नियम कानून बनाई है। और बनाये गये नियम कानून का पालन कराने में स्थानीय पुलिस और प्रशासन के लोग काफी सक्रिय रहते है। जिसका उदाहरण बाजार और नगर में देखा जा सकता है। और खास बात यह भी दिखती है कि प्रशासन के इस सख्ती में अधिकतर सामान्य आदमी ही पकडा जाता है। क्योकि कुछ लोग पुलिस होते है तो कुछ सत्ता दल के नेता के आदमी या कार्यकर्ता या कुछ लोग परिचित तो कुछ लोग पत्रकार होते है जिन पर पुलिस के लोग कार्यवाही बहुत कम संख्या में देखे जाते है। और इसी पक्षपात की वजह से लोग सरकार और सरकारी कार्य के नाम पर खुलेआम धज्जियां उडाते है।


और जिम्मेदार लोग भी ऐसे लोगो के सामने अपनी जिम्मेदारी भूल जाते है। एक ऐसा ही मामला सोमवार को भदोही जिले के गोपीगंज थाना अन्तर्गत दिखा जहां पर एक ऐसी इनोवा गाडी(UP 70 EK 2525) देखी गई जिस पर लिखा तो है उत्तर प्रदेश सरकार लेकिन साहब के गाडी का इन्सुरेंस डेढ माह से फेल है। लेकिन साहब पर इसका कोई फर्क नही है क्योकि गाडी पर जो उत्तर प्रदेश सरकार का लेवल लगा है। साहब की बात तो छोडिये। पिछले डेढ महिने से यह इनोवा गाडी पता नही कहा कहा गई होगी लेकिन साहब को कोई यह नही बताया कि गाडी का इन्सुरेंस फेल है। या हो सकता है कि कोई साहब को बताया भी हो लेकिन साहब को तो किसी का तनिक भी भय नही था क्योकि गाडी पर जो उत्तर प्रदेश सरकार जो लिखा है। लेकिन यह इनोवा कार सोमवार को तब पकड में आई जब जंगीगंज में एक साइकिल सवार को टक्कर मारते हुए आगे निकल गई। और सरकार के नाम पर समाज को गुमराह करने वाले साहब की पोल खुल गई। अब यहां सवाल पैदा होता है कि आखिर इस तरह लोग सरकार के नाम को अपने गलत कार्यों से क्यों बदनाम करते है? सरकार को इस तरह की लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। और स्थानीय प्रशासन की भी जिम्मेदारी बनती है कि सभी के साथ समान व्यवहार करे। न कि केवल आम आदमी के साथ सख्ती और खास आदमी के साथ नरमी से पेश आये।


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