लोगों मे दिख रहा आशियाना खोने का डर....

प्रकाश शुक्ला 


शुक्लांगज,उन्नाव कोर्ट के आदेश पर रेलवे ट्रैक के किनारे झुग्गी झोपडी हटाने के निर्देश जारी हुये हैं। जिस कारण गंगाघाट रेलवे स्टेशन के पीछे रेलवे की जमीन पर पिछले चार दशकों से राजीव नगर बस्ती बसी हुईं है। रेलवे अपनी जमीन खाली कराने के लिये शनिवार को अनाधिकृत राजीव नगर बस्ती में नोटिसें चस्पा की थी। जिसके बाद वहां के लोग दहशत में हैँ।


यह भी कह रहे हैँ कि आशियान नहीं छोडेंगे, कुछ भी हो जाये । राजीव नगर बस्ती लगभग चार दशक से भी अधिक समय से बसी हुईं है। पहले कुछ लोगों ने मकान बना लिए और रहने लगे, धोरे धीरे लगभग डेढ दो हजार मकान बन गए, स्टेशन के ठीक पीछे बस्ती बसती गई और विभाग ने रोका नहीं । शनिवार को सीनियर सेक्शन इंजीनियरिंग वर्क्स लखनऊ मंडल के निर्देश पर आईओडढल्यू शैलेन्द्र कुंमार और आरपीएफ के साथ राजीव नगर बस्ती में बीस सितंबर ३ तक कब्जे हटाने की नोटिस चसपा " की गई है, न हटाने पर अगले ही दिन है बलपूर्वक बस्ती को हटवाने का फरमान जारी किया गया है। वहीं नोटिस मिलने के बाद बस्ती के लोग एक हो गये हें लेकिन उनका कहना है किं " 40 45 साल से रह रहे हैं। अब अचानक गिराने का फरमान जारी किया गया है। जहां एक ओर बस्ती में रहने वाले गरीब लोगों में अपने आशियाने खोने का डर है, लेकिन उनका कहना यह भी है कि किसी भी स्थिति में वह अपने आशियाने नहीं छोडेंगे। उनका कहना यह भी है कि बीते चालीस वषों से निवास करने पर किसी मे हस्तक्षेप नही किया और पालिका गंगाघाट ने कई निर्माण कार्य भी कराए हैँ। यदि रेलवे विभाग हम लोगो के आशियाने छीनेगा तो सरकार हमे कहीं और रहने के लिए निवास देने का काम करे। बस्ती के लोगो का कहना है कि उनके खाने का कोई ठिकाना नही है ऐसे मेँ यदि सरकार उनसे उनके आशियाने छीनं लेगी तो वह जीते जी मर जाएगे।


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