लाॅकडाउन से लेखन शुरू किया और अब तक लिख दी एक सौ पचास कहानीयां...

मनोज मौर्य 


एक कहानी रोज़ नियम से लिख रहे जितेन्द्र शिवहरे


इंदौर! युवा कहानीकार जितेन्द्र शिवहरे ने लाॅकडाउन प्रथम से कहानी का लेखन आरंभ किया। वे प्रतिदिन एक कहानी लिखकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते है। जिन्हें पढ़कर पाठक प्रतिक्रिया देते है। कहानियों पर लाइक और कमेंट्स आ रहे है। शिक्षक जितेन्द्र शिवहरे की कहानियाँ समाज के इर्द-गिर्द घुमती हुयी न केवल आम आदमी की रोज मर्रा की परेशानीयां प्रदर्शित करती है बल्कि उनका हल भी सुझाती है।


जितेन्द्र को प्रतिदिन एक कहानी लेखन का ख्याल लाॅकडाउन प्रथम में आया, जब लगभग सभी लोग पर ही थे। इन्होंने भी अपने खाली समय को रचनात्मकता में लगाने का मन बनाया और जितेन्द्र ने अब तक एक सौ पचास कहानीयां लिख दी है। जो अखबारों में प्रकाशित भी हुई है। कहानी लेखन के साथ-साथ आपने उपन्यास भी लिखे है। माॅमस् मैरिज, नारीयोत्तम नैना, ये दिल पगला कहीं का, लीव इन लाॅकडाउन और कोरोना प्यार है, ये इनके स्वलिखीत उपन्यास है। आपकी लेखन उपलब्धी पर आचार्य दिनेश भोपाली, राहुल बंजरगी, अमोघ अग्रवाल, शुभम शनि, मनोहार लाल सोनी बाबा, पुष्पेन्द्र भदौरियां, बृजेश शर्मा आदि ने आपको बधाईयाँ दी।


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