कामयाबी के हर कदम में बेटियां:-डॉ सरिता मौर्य

 सुजाता मौर्य


चंदौली :- पिछले एक दशक के दौरान पूरे समर्पण और लगन से लोगों के बीच जाकर रूबरू हुई, चाहे वह मेरे रिसर्च का दौर था या वर्तमान! कभी न खत्म होने वाली लोगों की समस्याएं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन समस्याओं पर ध्यान न दिया जाए। कहने का तात्पर्य है कि उन समस्याओं को मूल रूप से कम से कम किया जा सकता है।


उन समस्याओं में सबसे गंभीर समस्या थी, भारत की बेटियों के प्रति नकारात्मक रवैया जो अधिकतर गांवों में देखने को मिली। जागरूकता तो समाज में आई लेकिन अभी बेटियों के प्रति जागरूकता अभी भी बहुत कम है। अगर वर्तमान परिपेक्ष में देखा जाए तो बेटियां भारत राष्ट्र निर्माण में हर एक कदम में कदम से कदम मिलाकर आगे चल रही हैं, चाहे वह अनुसंधान हो, रिसर्च हो, इंडियन आर्मी, पुलिस , राफेल या अन्य प्रकार की जटिल समस्याओं का सामना कर भारत राष्ट्र के साथ चौबीसों घंटे खड़ी हैं। बेटियां नई पीढ़ी के लिए वरदान है।


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