हादसों को दावत दे रहा है पटाखों का व्यापार....

प्रकाश शुक्ला 


यह कोई पहली घटना नहीं उन्नाव जिले की पटाखा फैक्ट्रियों में इससे पहले भी कई बार धमाके हो चुके हैं


उन्नाव | मौरावां थाना क्षेत्र मेँ पटाखा फैक्ट्री मे भीषण धमाका हुआ जिसमें एक नाबालिक बच्चे की दर्दनाक मौत व 5 नाबालिग बच्चे हुए घायल जिन्हें चिंत्ताजनक स्थिति में मौरावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया हालत बिगड़ने की दशा में एक बालक को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया। बाकी की हालत सामान्य जनक बताई जा रही है। मामला है उन्नाव जनपद के मौरावा थाना क्षेत्र के गांव प्रसाद खेडा जहा गांव के बाहर खेतो मे फखरुद्दीन नाम के व्यक्ति ने बारूद का जखीरा इकट्टा कर रखा था जिसके पास 12.500 किलोग्राम बारूद रखने का लाइसेंस है इसकी अवधि 31 मार्च 2022 तक है और गांव के अधिकांश नबालिक आशीष सुजीत लव कुश आदि बच्चो से श्रम करवा का असमय काल के गाल में घकेलने का काम किया है । किसी की माॅ की गोद उजड़ गई तो किसी का का एक ही लाल था ।


इस धमाके में गांव के ही रहने वाले अरुण कुमार (15) पुत्र कमरू की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। घटनास्थल पर चीख और पुकार से इलाका थर्रा उठा ।सभी इस भ्रष्ट व्यवस्था को कोसने पर आमादा थे । जानकारों की माने तो इलाके में इतने बड़े बाऱूद के जखीर लगे हाने क बावजूद सुरक्षा के कोई पुख्ता इतंजाम नहीं थे । माता और पिता का रो रो कर बुरा हाल था । चारों तरफ चीख और पुकार क बीच में जनपद के चार थाना क्षेत्र की पुलिस और फायर ब्रिगेड ने किसी प्रकार से जाकर मोर्चा संभाला ओंर पड़े हुए चीथङो को इकट्ठा करने का काम किया । लेकिन जिम्मेदारों को कौन सबक देगा । श्रम विभाग क्या कानों में तेल डाल कर बैठा है ।यह तो आने वाला समय ही बताएगा । वहीं दूसरी तरफ अगर नज़र डाले तो दीपावली नजदीक आते आते मौरावा असोहा कालूखेड़ा पुरवा के अधिकांश थोक व फुटकर दुकानदार अपने अपने घरों में बारूद का भारी भरकम जखीरा इकट्ठा कर लेते हैं ।जो कभी भी बड़े हादसे को ज़न्म दे सकती है वहीं जानकार सूत्रों की मानें तो मौरावा में कई बड़े व्यापारी किराए की दुकानें लेकर उनमे बारूद से बने बम इकट्ठा कारना शुरू कर दिए है। अगर समय रहते इन पर दंडात्मक कार्यवाही नहीं हुई तो वह दिन दूर नहीं कि प्रसाद खेडा जैसी ह्दय विदारक घटनाएं कही भी घटित हो सकती हैं। जिसकी जवाबदेही शासन व प्रशासन की होगी। *इससे पहले भी फटाका कारखानों में धमाके की हो चुकी है घटनाएं* जिले में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की यह पहली घटना नहीं है इससे पहले भी तमाम घटनाएं हो चुकी हैं 20 सितंबर 2013 को सबसे भयानक घटना हसनगंज के मोहान में संचालित अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुई थी इस हादसे में फैक्ट्री संचालक के परिवार के सदस्यों समेत 8 लोगों की मौत हुई थी 16 अगस्त 2019 को आजगैन कोतवाली क्षेत्र में गांव के बाहर संचारित पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके मैं कारखाने की छोड़ गई थी इस घटना में भी एक युवक की मौत हुई थी इसी तरीके के अन्य धमाके भी हो चुके हैं।


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