बुनकरों को राहत पैकेज दे सरकार, माफ करें कर्जे:-इकबाल अंसारी
सुजाता मौर्य
बुनकरों पर हुआ समझौता दुर्भाग्यपूर्ण:-बुनकर वाहनी
मऊ | कल बुनकरों के सवाल पर किया गया समझौता दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार की एक जिला एक उद्योग योजना की भावना के विरुद्ध है. इसलिए सरकार को बुनकरों को राहत पैकेज देने की घोषणा करनी चाहिए जिसके तहत उनके सभी बिजली बिल व कर्जे माफ करने, सस्ती बिजली की पासबुक व्यवस्था को बहाल करने और उनके उत्पाद की सरकारी खरीद व देशी-विदेशी बाजारों में बेचने की व्यवस्था की घोषणा सरकार को तत्काल करनी चाहिए. यह बयान वर्कर्स फ्रंट जुड़ी उत्तर प्रदेश बुनकर वाहनी के प्रदेश अध्यक्ष इकबाल अहमद अंसारी ने प्रेस ने दिया. उन्होंने कहा की जुलाई तक सब्सिडी वाली बिजली के अनुसार बिजली बिल देना जरूर एक हद तक बुनकरों को राहत पहुंचाता है. लेकिन एक अगस्त से कमर्शियल रेट की जो बिजली बुनकरों को मिलेगी वह पूर्वांचल में समेत पूरे प्रदेश में बुनकारी उद्योग को तबाह कर देगी. उन्होंने कहा कि एक जिला एक उत्पाद के नारे पर बड़ी-बड़ी बातें करती है, घोषणाएं करती है. वहीं कोरोना महामारी में भुखमरी और तंगहाली के शिकार बुनकरों को कोई इमदाद देने का इंतजाम नहीं करती. उन्होंने सरकार से मांग की कि बुनकरों की जिंदगी को बचाने के लिए बुनकरों को राहत पैकेज की घोषणा करें और कहा कि भले ही चंद नेताओं ने अभी समझौता कर लिया हो लेकिन जिस तरह से बुनकर परेशान और बदहाल हालत में जी रहे हैं जल्द ही फिर एक बड़ा आंदोलन होगा और बुनकर वाहनी बुनकरों की हर तंजीम को एकता वद्ध करके इस आंदोलन को खड़ा करेगी !
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