R.N.I. No. UPHIN/2005/17084
देवेश पांडे
भदोही। सरकार भले ही गौवंश के संरक्षण के लिए हर जिले गौ आश्रय स्थल बनाकर गायों को रहने और खाने की व्यवस्था की बात करती है लेकिन स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार लोग अपने मनमानी पूर्ण कार्य से बाज नही आते है। एक ऐसा ही मामला ऊंज थाना क्षेत्र के मीनापुर में बने अस्थायी गौ आश्रय स्थल में देखने को मिल रहा है जहां पर लापरवाही और मनमानी की सारे हदें पार की जा रही है।
मीनापुर गौ आश्रय स्थल में गायों को साफ पानी नही दिया जाता है।
देखभाल सही से नही किया जा रहा है। आये दिन एक गायें मौत की मुंह में समा जा रही है। स्थानीय लोगों के कहने के बावजूद भी जिम्मेदार मौन साधे है और अपनी मनमानी कार्य को कर रहे है। इस गौशाला में गाये भूख या बीमारी से मर रही है लेकिन एक खुलासा और हुआ कि उस गौशाला में गायों को सुई लगा दी जाती है जिससे गायें मर जाये। लेकिन जिले के जिम्मेदार इस तरह के कुकृत्यों में लिप्त लोगो पर कार्यवाही नही कर रहे है जिससे उनका मनोबल बढा है। इस समस्या से परेशान होकर मीनापुर के निवासी समाजसेवी अनिल तिवारी ने बुधवार को जिलाधिकारी को पत्रक देकर उस गौशाला की समस्या के बारे में बताया तथा जांच की मांग भी की। हालांकि मीनापुर गौशाला तो एक उदाहरण मात्र है जिले में बने सभी गौ आश्रय स्थल केवल खानापूर्ति से और राम भरोसे चल रहे है। ग्राम स्तर से लेकर जिलास्तर के लोग केवल खानापूर्ति में जुटे है। यदि जिलास्तर के लोग तटस्थ होते तो स्थानीय स्तर के जिम्मेदारों की क्या मजाल की शासन के दिशा निर्देश की अवहेलना करें। लेकिन इस समय जिले में बने गौ आश्रय स्थल गौहत्या केन्द्र बनते नजर आ रहे है। और इस पर शासन और प्रशासन के लोगों को ध्यान देना जरूरी है। नही तो सरकार की योजना केवल कागज तक ही सिमट कर रह जायेगी।
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