कौड़ियो के भाव बेंच दी उद्यान विभाग की सरकारी जमीन...

संदीप मौर्य 


उद्यान विभाग बेखबर सरकारी भूमि पर बने आशियाने चोर बाजारी में शामिल तहसील प्रशासन


रायबरेली | कागज के टुकड़ों पर बेची गई उद्यान विभाग की सरकारी जमीन बड़ी-बड़ी इमारतें भले बन गई हो लेकिन राजस्व अभिलेखों में आज भी उद्यान विभाग दर्ज है भू माफियाओं के दोहरे चरित्र के जाल में फंसे सरकारी जमीन खरीदने वालों की गर्दन पर कानून की तलवार लटक रही है करोड़ों के इस खेल में तहसील प्रशासन ने भी अपना उल्लू सीधा किया जिससे बेरोक टोंक तरीके से बस्ती आबाद हो गई मामला महाराजगंज तहसील के शिवगढ़ का है


जहां स्थित उद्यान विभाग की सरकारी जमीन का अधिकांश भाग बड़ी चालाकी से कागज की पर्चियों पर भू माफियाओं ने कौड़ियों के भाव बेंच दी है सरकारी जमीन खरीदने वालों ने उद्यान विभाग की भूमि संख्या 272 ख 67 व 268व 269 ख 270 अंगा लोग आशियाने बना लिए हैं करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन बिक गई उस पर इमारतें खड़ी हो गए उद्यान विभाग को आज भी कानो कान खबर नहीं है शिकायतकर्ता राजकिशोर बाजपेई निवासी शिवगढ़ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव और राजस्व को पत्र भेजकर संपूर्ण प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है उन्होंने आरोप लगाया है कि भू माफियाओ द्वारा बेंची गई उद्यान विभाग की सरकारी जमीन में उद्यान विभाग की मिलीभगत भी हो सकती है क्योंकि सरकारी जमीन पर मकान बन गए न उद्यान विभाग की ओर से कोई रोक लगाई गयी न ही तहसील प्रशासन कोई अवरोध किया है यह बात अलग है कि मामले का भंडाफोड़ होने पर दोनों सरकारी विभाग अपना पल्लू झाड़ ले शिकायत कर्ता श्री बाजपेयी ने यह भी कहा कि उद्यान विभाग में तैनात चौकीदार खुशीराम निवासी ढकवा ने भी उद्यान की जमीन पर पिपरी रोड पर अपना निजी मकान बनवा लिया है हैरतअंगेज बात तो यह है कि 24 बीघे वाला उद्यान विभाग अब मात्र 16 बीघे में सिमट कर रह गया है उन्होंने जिलाधिकारी से इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है यह प्रकरण मेरे संज्ञान में नही है यदि उद्यान की जमीन पर अतिक्रमण हुवा है तो इसकी जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी


केशव राम चौधरी जिला उद्यान अधिकारी रायबरेली


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