डीजीपी साहब थोड़ा कानपुर में ट्रैफिक पुलिस लाइन क्राइम ब्रांच कार्यालय के सामने पुलिस कर्मी आवास का काला सच भी देख ले...

संजय मौर्य 


कानपुर | ट्रैफिक पुलिस लाइन के पास और क्राइम ब्रांच कार्यालय के निकट में जहां उप निरीक्षक का आवास है। पास में ही सर्विलांस थाना भी है। वहां पर बरसात के समय नदियों का सैलाब भर जाता है। पुलिसकर्मी को अपनी ड्यूटी जाते समय नाले के पानी से होकर अपने जूते, मोजे और वर्दी को भिगोकर ही निकलना पड़ता है। तब जाकर बाहर निकल पाते हैं। और अपने ऑफिस की ओर जा पाते हैं। आवास के अगल-बगल तो कचरा गंदगी और बदबूदार से भरा हुआ। यहा पुलिस कर्मियों का आवास जहां पर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। अगर पुलिस कर्मी ही स्वस्थ नहीं रहेंगे तो जनता की सेवा मे तत्तपर कैसे रहेंगे।


अगर अधिकारी ऐसे ही अनसुनी करते रहे तो। जैसे बाबू पुरवा में जर्जर मकान पुलिस आवास गिर गया। और पुलिसकर्मी की मौत हो गई। वैसे ही अगर प्रशासन यहां पर भी नहीं ध्यान नहीं दिया। तो फिर बहुत बड़ी अनहोनी की घटना हो सकती है। डीजीपी महोदय एक बार पुलिसकर्मी के आवास की तरफ भी देख ले। यहां के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। एक तरफ जहां कोरोना वायरस चपेट में देश आया।


और मुख्यमंत्री लगातार हर जिले के अधिकारियों से साफ सफाई का ध्यान देने को कह रहे।वही पुलिस आवास में गंदगी और कीचङ मे ही वहां के इस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर तमाम लोगों का आना जाना भी लगा रहता है। उन पुलिस कर्मियों के बच्चे भी हैं। कहीं इन कच्चे मकानों मे किसी प्रकार का कोई अप्रिय घटना ना हो जाए। इसलिए डीजीपी महोदय एक बार जरा यहां के आवास, नालियों की व्यवस्था एवं एवं अन्य सुविधाओं को देख लें। जहां पर उप निरीक्षक, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर के हजारो कर्मचारियों का आवास है। और उनके छोटे छोटे बच्चों का भविष्य भी इन्हीं आवास मे है।


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