बक्सर की बेटी संजू बनी फलक की गायिका....

संजय मौर्य 


लखनऊ | कोरोना की जंग में समर्पित योद्धाओं और घर में बैठे लोगों का मनोरंजन के लिए हास्य व्यंग्य की मधुर वाणी से कर रही है जागरूक "उठो लाल अब आंखें खोलो,बर्तन मांजों,कपड़े धो लों" जैसी कोरोना की व्यंग्यात्मक पुरूष चालीसा नाम से मशहूर यह गीत हर लोगों की जुबान पर हैं.भारत सहित सभी अंतराष्ट्रीय सोशल साइटों पर यह व्यंग्यात्मक रचना करोड़ों लोगों द्वारा देखी व सुनी जा सकी है। टाॅप वायरल वीडियो में लगातार दूसरी बार यह गीत नंबर वन पर चल रहा हैं। बक्सर जिला( बिहार) के राजपुर प्रखंड के कोनौली गांव की रहने वाली बेटी संजू सिंह आज राष्ट्रीय स्तर पर भी एक पहचान बना चुकी हैं.इन दिनों पुरा विश्व कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का दंश झेल रहा हैं.इस महामारी में डॉक्टर, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मी, समाज सेवी सहित अन्य लोगों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान हैं.इन सभी के द्वारा देश के हालात को काबू करने के लिए एक अभियान भी चलाया गया हैं.इन सभी योद्धाओं के सम्मान में इनके द्वारा “इंसानों के लिए जिन्होंने किया रात दिन काम,कोरोना के योद्धाओं को दिल से करें प्रणाम.



जिन्दगी की राहों में मजबूर हो गये,अपनों से अपने ऐसे दूर हो गये....सड़के विरान हैं,गलियां सुनसान हैं,ऐसा लगता हैं जैसे तसउर हो गये...कोरोना न जाने अबका का कराई,अमेरिका अइसन देश मांगे भारत से दवाई...,विश्व गुरू अब भारत फिर से कहाई.. गीतों के माध्यम से पुरे देश के लोगों को जागरूक कर रही हैं.इनके गीतों से प्रभावित होकर कई बड़े आइएएस अधिकारी सहित उतर प्रदेश मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी सहित अन्य लोगों ने भी काफी सराहना किया हैं. जीवन परिचय ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी संजू सिंह की शादी इटाढ़ी प्रखंड के जमुआंव गांव के रहने वाले विनोद कुमार सिंह के साथ होने के बाद पढ़ाई का रिस्ता बिल्कुल खत्म हो गया था.इनके पति का चयन उतर प्रदेश होमगार्ड्स विभाग में प्लाटून कमांडर के पद पर चयनित हो गये.जो वर्तमान में निरीक्षक पर है तथा लखनऊ के ट्रैफिक इंचार्ज हैं।शादी के छह वर्ष बाद अपने पति का साथ मिला तो फिर से पढ़ाई पुरी कर लखनऊ में इंटर कॉलेज में अध्यापिका के रुप में से वा दे रही है। इन्होंने बताया कि बचपन में घर पर संगीत का कोई माहौल नहीं था.दादी से मैं पारंपरिक गीत सुन कर मैं अक्सर गुनगुनाती रहती थी।लेकिन पति के साथ तथा ससुर जी के सहयोग ने हमें इस मुकाम तक पहुंचाया हैं.इनकी 16 वर्षीय पुत्री स्नेहा सिंह हैं जो एक बड़ा बिजनेस मैन बनना चाहती हैं.इनकी भी पढ़ाई में भी एक अलग पहचान हैं.वर्ष 2019 में इंटरनेशनल बेंचमार्क टेस्ट में पुरे विश्व में अंग्रेजी में 99.99 प्रतिशत अंक लाकर द्वितीय स्थान हासिल किया था.बेटी स्नेहा सिंह को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम माननीय दिनेश शर्मा जी द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। इनकी उपलब्धियां पहली बार 2007 में इनके पति विनोद कुमार सिंह द्वारा लिखित "कनवा की बाली," पहला एलबम रिलीज हुआ.इसके बाद टी-सीरीज, एंगल म्यूजिक,वेब कैसेट के माध्यम से नैना लागे रे, संईया मोर सिपहिया,दर्शन माई के. जैसे कई एल्बम विभिन्न कंपनियों से रिलीज हुए.पहली बार वाराणसी में मनोज तिवारी जी के साथ गायन हुआ.वर्ष 2010 में संस्कृतिक डिपार्टमेंट द्वारा पहला बड़ा महोत्सव सारनाथ में बौद्ध महोत्सव किया। उसके बाद महोत्सव का सिलसिला आज तक जारी हैं। लखनऊ महोत्सव, गोरखपुर महोत्सव, अयोध्या में आयोजित रामायण मेला महोत्सव,24 फरवरी 2019 को दिव्यकुम्भ मेला में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कार्यक्रम के दिन इन्हें अक्षयवट मंच से प्रस्तुति करने का ऐतिहासिक गौरव भी प्राप्त हैं। गोरखपुर महोत्सव 2019 में बिहार की मशहुर गायिका शारदा सिन्हा के साथ भी गाने का मौका मिला.इसके अलावा यह वाराणसी आकाशवाणी /दूरदर्शन की ग्रेडेड कलाकार भी हैं। अनेकों बार इनके गीतों की प्रस्तुति दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से हुआ है।


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