R.N.I. No. UPHIN/2005/17084
-मंजुल भारद्वाज
कीचड़ में एक
लीचड़ जीव पलता है
जिसे जोंक कहते हैं
वो जिससे चिपक जाए
उसका खून चूसता है
वो टूट जाता है
पर छूटता नहीं
खून चूसता रहता है
आज देश की सत्ता पर
कीचड़ का लीचड़ जोंक बैठा है
जनता का खून चूस रहा है
जोंक नमक लगाने से भागते हैं
इस देश को जोंक से
मुक्ति दिलाने के लिए
गांधी के मुठी भर नमक की ज़रूरत है!
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें