21 साल बाद लंदन जाकर लिया जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला..

 


सरदार उधम सिंह  का बलिदान दिवस (31जुलाई 1940) 21 साल बाद लंदन जाकर लिया जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला। साल 1919 बैसाखी का दिन था। जलियांवाला बाग जो पंजाब के अमृतसर जिले में स्थित है, जहां पर हजारों लोग एक साथ पार्क में इकट्ठे हुए थे।


 


रोलेट एक्ट के तहत गिरफ्तार किए गए कांग्रेश के 2 बड़े नेताओं सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू जिन को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया था,के गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रोटेस्ट कर रहे थे। उसी दौरान जनरल डायर अपनी फौज के साथ पहुंचकर पूरे भाग को चारों तरफ से घेर लिया।उसने प्रदर्शनकारियों को ना तो जाने के लिए कहा और ना ही किसी प्रकार की कोई चेतावनी दी। सीधे-सीधे उन्हें गोलियों से भून डालने का आदेश दे दिया। फिर शुरू हुआ नरसंहार का या खेल,अंग्रेजों ने मासूम लोगों पर दनादन गोलियां चलाई जिससे हजारों लोगों की जान गई।


अंग्रेजों ने पाक का एकलौता गेट जो बंद कर दिया था। जिससे लोगों को भाग नेता का कोई रास्ता नहीं था। कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए पाक की दीवार पर चढ़ने लगे, कुछ लोग जान बचाने के लिए कुएं में कूद गए। इस भीषण नरसंहार में सब को झकझोर कर रख दिया। इस घटना का प्रत्यक्षदर्शी एक इंसान था,जिसके अंदर इन खिलाडियों के खिलाफ ज्वाला भड़क उठी। उसने जनरल डायर को टपका डालने की प्रतिज्ञा कर ली। जिसका नाम था उधम सिंह।


टिप्पणियाँ