स्वतंत्रता सेनानी गुमनामी के अंधेरे में जीने के लिए मजबूर फरिश्ता बनकर सामने आए:-बीके सिंह
संजय मौर्य
ट्रेफिक इंस्पेक्टर, होमगार्ड्स, लखनऊ बी के सिंह
हेमंत कुशवाहा को आदेशित किया ।
तदोपरान्त हेमन्त कुशवाहा कल ही सकरार (झाँसी) के लिए निकल गया और
के पास पहुँच कर उनका हालचाल जाना व उनके दैनिक उपभोग की सभी आवश्यक सामग्री बी0के0सिंह के सहयोग से उनको भेंट की। ऐसी दरियादिली दिखाने वाले बी के सिंह, मानवता की एक मिशाल कायम की। इस संबंध में पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने 4 मई को ट्विटर पर मोहनलाल कुशवाहा की मदद करने के लिए मुख्यमंत्री से अपील की थी। बी के सिंह के सहयोग से मोहनलाल कुशवाहा की रहने व खाने- पीने की समुचित व्यवस्था कर दी गयी है । दादा जी बहुत ही स्वाभिमानी व्यक्ति हैं ,वह किसी से कुछ भी लेने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन जब मैंने सिंह साहब से लखनऊ से वीडियो कॉल के द्वारा बात कराई तो उनके आंखों से आंसू निकल पड़े और उन्होंने कहा कि बेटा आज तक कोई भी व्यक्ति इस तरह से मदद के लिए आगे नहीं आया था ।सब ने हालचाल पूछा मदद की बात की लेकिन किसी ने किया नही । बेटा ऐसे इंसान से मेरी मुलाकात जरूर करा देना, तब मैंने पुन: सिंह साहब से बात कराई उन्होंने किसी छुट्टी के दिन में आने की बात कही तब दादाजी ने सारा सामान स्वीकार लिया। ऐसे महान व्यक्ति का महान व्यक्ति से मिलन करा कर हेमंत ने अपने आप को धन्य महसूस किया। संजय मौर्य उत्तर प्रदेश
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