सच्चे राम भक्तों का अपमान ना करें सरस्वती- धर्म सेना

रवि मौर्य 


अयोध्या | सीबीआई की स्पेशल कोर्ट द्वारा की जा रही बाबरी विध्वंस सुनवाई में सीआरपीसी की धारा 313 के बयान हेतु प्रस्थान करने वाले बाबरी विध्वंस के आरोपी पूर्व विधायक अंबेडकरनगर पवन पांडेय, धर्म सेना के संस्थापक संतोष दुबे, तथा गांधी यादव उर्फ गजानन दास, को हिंदू महासभा तथा धर्म सेना द्वारा संयुक्त रूप से माल्यार्पण व तिलक लगाकर विजयी भव का आशीर्वाद देते हुए प्रस्थान करवाया गया इस अवसर पर हिंदू महासभा की राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष पांडेय जिन्हें 1992 में कारसेवा व बावरी विध्वंस में भागीदार होने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ था द्वारा तीनों आरोपियों का माल्यार्पण व तिलक लगाकर स्वागत किया गया


इस अवसर पर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष पांडेय ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल तथा केजी ठाकुर की पीठ ने वासुदेवानंद सरस्वती को शंकराचार्य मानने से इनकार किया था हाई कोर्ट द्वारा लोअर कोर्ट तत्पश्चात सेशन कोर्ट द्वारा दिए गए उस निर्णय को बरकरार रखा गया था जिसमें फर्जी ढंग से उनके द्वारा शंकराचार्य के चावर, छत्र, और सिंहासन का भी प्रयोग कर रहे थे, धर्म सेना के संस्थापक संतोष दुबे ने कहा कि भाजपा अथवा विश्व हिंदू परिषद द्वारा राम मंदिर के निर्माण हेतु चंदा जोकि लगभग 1400सौ करोड़ रुपए था उसका हिसाब बताएं श्री दुबे ने कहा कि यह न्यायालय ने भी माना है कि आदि शंकराचार्य द्वारा केवल चार पीठों की स्थापना की गई थी तो वासुदेवानंद के रूप में पांचवें शंकराचार्य कैसे पैदा हो गए, उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने फर्जी आपराधिक प्रवृत्ति के शंकराचार्य तथा वे तत्व जिन्होंने कभी कारसेवा तक नहीं कि राम मंदिर के लिए लड़ाई तक नहीं लड़ी, आज जुगाड़ तकनीक के द्वारा ट्रस्ट के सदस्य बने हुए हैं, पूर्व विधायक अंबेडकरनगर पवन पांडेय ने कहा कि राम काज करने हेतु व्रत लिया था प्रभु राम की कृपा सेवा पूर्ण हुआ अब अगर फांसी भी हो जाए तो कोई चिंता नहीं है यह सिर्फ 1992 का संघर्ष नहीं था बल्कि सदियों से अनेक पडाओ पर समाज के मूर्धन्य व्यक्तियों, व पुण्य आत्माओं द्वारा दिया गया वह बल ही था जिससे प्रेरणा पाकर हम राम भक्तों द्वारा राम काज के निमित्त एक कलंक को ध्वस्त कर दिया गया, वासुदेवानंद सरस्वती भाजपा अथवा विश्व हिंदू परिषद इस पर हम लोगों को कांग्रेसी से जुड़ा अथवा अगर कांग्रेसी है, यह कर- संबोधित करती है तो यह राम भक्त कारसेवकों का घोर अपमान है, बाबरी विध्वंस के एक अन्य आरोपी गांधी बाबा उर्फ़ महंत गजानन दास जी महाराज ने कहा कि बाबरी विध्वंस के पश्चात राम काज के निमित्त सन्यास लिया धारण किया था राम मंदिर निर्माण होने जा रहा है यह प्रसन्नता का विषय है किंतु राम मंदिर भव्यतम ,दिव्यतम ,जन भावना के अनुरूप हो या मंदिर निर्माण समिति व ट्रस्ट को गंभीरतापूर्वक सोचना होगा जो विसंगतियां त्रुट्टियां दिखाई पड़ रही है उन्हीं ठीक करना होगा धर्म सेना के संस्थापक संतोष दूबे ने कहा कि राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में गुमनामी में खो गए किरदारों जैसे केकेके नायर शकुंतला नायार विशन चंद्र महंत दिग्विजय नाथ जी महाराज महंत हरिराम दास प्रिया दत्त राम गुरुदत्त सिंह बाबा राघव दास रामगोपाल पांडे शरद एनबी खरे रामचंद्र दास परमहंस जी महाराज सेठ पारसनाथ दुबे विशेश्वर द्विवेदी उमेश पांडे के बल पर खड़े अनेक आंदोलनों को व भाजपा द्वारा दिया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने वासुदेवानंद सरस्वती को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि शंकराचार्य पद के लिए पट्टाभिषेक के समय दंडी स्वामी होना आवश्यक है जोकि वासुदेवानंद सरस्वती नहीं है श्री पांडे ने यह भी कहा कि राम भक्तों कारसेवकों हिंदुओं के लिए संघर्ष करने वालों को कांग्रेसी बताना, उनका घोर अपमान है, जितेंद्रानंद सरस्वती द्वारा कोर्ट की अवमानना पर बोलते हुए कहा गया कि आज तक द्वारा कारसेवकों के हत्यारे मुलायम सिंह यादव के विरुद्ध विश्व हिंदू परिषद द्वारा मुकदमा नहीं किया गया क्या यह मृत कारसेवकों की आत्माओं के साथ कंटेंम्ट नहीं है, ट्रस्ट में फर्जी शंकराचार्य व आपराधिक छवि के लोग सम्मिलित हैं क्या यह कोर्ट आफ कंटेंप्ट नहीं है, जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार से राम मंदिर के लिए स्कीम बनाने की बात नहीं गई थी तो ट्रस्ट कैसे बन गया क्या यह कोर्ट आफ कंटेंप्ट नहीं है हिंदू महासभा के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष मंत्र रामलोचन सरन बाबा ने कहा कि जो स्वार्थ बस अपने फायदे के लिए देशद्रोहियों को गले लगाए लगा ले वह वाला नैतिकता शुचिता व पवित्रता की बातें कैसे कर सकता है 1992 में कारसेवकों की हत्या में किस की मिलीभगत है इसकी निष्पक्ष जांच सुप्रीम कोर्ट को स्वत संज्ञान लेकर करनी चाहिए की गई थी माल्यार्पण व तिलक कार्यक्रम में प्रमुख रुप से चंद्रहास दीक्षित अजय शुक्ला रवि शंकर पांडे विजय तिवारी विनोद पांडे अंजनी सुधाकर सिंह कन्हैया लाल दुबे अरविंद शास्त्री लाल योगेश प्रताप सिंह वीपी सिंह अजय शुक्ला बौद्ध अति वर्मा महंत कविराज दास राममिलन पांडे अजय द्विवेदी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे


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