सादगी सहजता..

डॉ. बीना सिंह 



सादगी सहजता हमें है  भाता


प्रेम भाईचारा से मेरा है  नाता


कहते हैं सबका मालिक एक है


क्या ह्रदय हमारा मान है  पाता


संतान का अर्थ तभी सार्थक है


मां बाप को खिला खुद है  खाता


मीठी जुबान और में  अंतस में छुरी


ऐसी अदाकारी हमें नहीं है  आता


सब यही पे धरा रह जाता है  बीना


कोई साथ अपने नहीं ले है जाता


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