कुड़ियाघाट गोमती नदी की स्वच्छता अभियान चलाया गया:-
प्रमुख संवाददाता
नगर आयुक्त डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी
इस योजना ने घरों के आगे अथवा पीछे खाली पड़े स्थान को छोटो बागानों में बदलकर शहरी वनीकरण की अवधारणा में क्रांति ला दी है। इस पद्धति में देशी प्रजाति के पौधे एक दूसरे के समीप लगाए जाते है, जो कम स्थान घेरने के साथ ही अन्य पौधों की वृद्धि में भी सहायक होते है। सघनता की वजह से यह पौधे सूर्य की रौशनी को धरती पर आने से रोकते है, जिससे धरती पर खरपतवार उग नहीं पाता है। तीन वर्षो के पश्चात इन पौधों को देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है। पौधे की वृद्धि 10 गुना तेजी से होती है जिसके परिणामस्वरूप वृक्षारोपण सामान्य स्थिति से 30 गुना अधिक सघन होता है। जंगलों को पारंपरिक विधि से उगने में लगभग 200 से 300 वर्षो का समय लगता है, जबकि मियावाकी पद्धति से उन्हें केवल 20 से 30 वर्षो में ही उगाया जा सकता है। उपरोक्त के अतिरिक्त आज मा. महापौर संयुक्ता भाटिया एवं नगर आयुक्त डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में कुड़िया घाट पर गोमती नदी के सफाई अभियान के अंतर्गत नदी में एकत्रित जलकुम्मी को अभियान चलाकर हटाया गया। इस अभियान में नगर निगम की टीम द्वारा सहयोग किया गया जिसमें अपर नगर आयुक्त श्री अमित कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.के. रावत, जोनल अधिकारी, जोन-6 अम्बी बिष्ट, नगर अभियंता एस.एफ.ए. जैदी अन्य अधिकारीगण द्वारा सहयोग किया गया।
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