गलवान शहीदों को दी गई भावविनी श्रद्धांजलि..

राधेश्याम प्रसाद  


तरकुलवा देवरिया,ब्लॉक तरकुलवा के महुआ पाटन बाजार स्थित चौराहे के बगल में युवा एवं बुद्धिजीवियों ने मोमबत्ती जलाकर भारत चीन सीमा गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दिया। आजादी के बाद कई- कई युद्धों को देश को झेलना पड़ा है। सन् 1962, 1965 और,1971 की भीषण लड़ाईयों में तमाम सैनिकों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए कुर्बानी दी,अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सुरक्षा को पुख्ता बनाने का काम किया।


वर्तमान समय में भी आए दिन हमारे सैनिक मातृभूमि की रक्षा में सनद्ध रह कर अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं।सरकारे आती जाती रहती हैं, परंतु मुल्क की हिफाजत करने वाले जाबाज सैनिक,अर्धसैनिक बल सीमा पर सनद्ध रहकर देश की सुरक्षा के लिए मर मिटते हैं।यहां तक कि विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं को सहते हुए अपनी मुस्तैदी बनाए रखते हैं।अभी हाल ही में भारत चीन सीमा पर हमारे बहादुर सैन्यअधिकारी व सिपाही लड़ते हुए उनको सबक सिखाते हुए अपने प्राणों की आहुति अपने मातृभूमि के लिए दी है।इन बहादुरों को तहेदिल से सलाम करते हैं। उनके परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं इसी को लेकर महुआपाटन बाजार में 21 जून की संध्या पर दर्जनों लोगों ने मोमबत्ती जलाकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी,और श्रद्धा सुमन अर्पित किया।इस मौके पर मास्क लगाना और सामाजिक दूरी का विशेष रूप से पालन किया गया। श्रद्धांजलि सभा में आशिक अली, औरेश कुशवाहा, रमेश प्रसाद, रमाशंकर , भीम गुप्ता,  कृष्ण प्रसाद, सुरेश गौतम, गढ़ रामपुर से आए रमाशंकर शर्मा( लोकतंत्र सेनानी) राधेश्याम प्रसाद बौद्ध, पारसनाथ, योगेश्वर खरवार आदि लोग उपस्थित रहे।


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