बिकते प्रतिनिधि खरीदते लोग.. लोकतंत्र के लिए खतरा..?
हम विश्व के सामने बेशर्म विश्वासघाती और बिकाऊ प्रतिनिधि वालो देश में प्रथम गिने जायेंगे...?
लोकतंत्र दुनिया के सभी शासकीय तरीको में से उत्तम माना गया है, यह कटु सत्य है। भारत में सामंतवाद पूँजीवाद और गद्दारो का गठजोड़ ऐतिहसिक सत्य रहा जब-2 इन तीनों की शक्तियां बढ़ी है। देश में ऐतिहासिक संकट पैदा हुआ है। इस संकट से मुक्ति और देश की मान्यता प्राप्तः समझदारी चरी अपनी भागीदारी का प्रतिनिधित्व या प्रतिनिधि सत्ता स्थापित करने के लिए देश ने अकूत संपदा और होनहार स्वाभिमानी वीर सपूतो को खोया है हजारों नहीं, लाखों की संख्या में अपनो का साया गया देश की रूह काँप उठी थी यह सब लगभग प्रत्येक देश में होता रहा है।
भारत में कुछ ज्यादा समय तक चला संघर्ष रहा है। लेकिन इतने लम्बे और भीषण संघर्ष का एक उद्देश्य था कि हम एक सच्चा लोक तंत्र स्थापित करेंगे और अपने देश में एक वोट एक कानून संविधान बनायेंगे और स्वयं उससे शासित होंगे और संविधान की उदेदशिका को प्राप्त करेंगे। भारत में संसद का गठन राष्ट्रपति, राज्यसभा और संसद से मिलकर होता है, और राज्य स्तर पर विधान सभा का गठन राज्यपाल विधानमण्डल के सदस्यों से मिलकर होता है। केन्द्रशसित प्रदेशों और दिसदनात्म राज्यों में भी मिलती जुलती प्रक्रिया होती हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 79 के तहत संसद के गठन का प्रावधान है जिसकें राष्ट्रपति लोकसभा सदस्य और राज्यसभा सदस्यों से मिलकर होगा और उनका एक निश्चित कार्यकाल भी होगा और उनको बहुत सारी सुविधाएं और विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं। और वे अपना कर्तव्य पालन शुरू करने से पहले देश के सम्मुख देश की प्रथम पवित्र पुस्तक में वर्णित व्यवस्था के अनुपालन की शपथ लेता है। उसी तरह प्रत्येक राज्य मे अनुच्छेद 168 के तहत विधानमण्डलो के गठन की प्रक्रिया शपथ और शर्तें है।
मतदाताओं के प्रति जवाबदेही क्या है
विश्वास की खेती लुट जायेगी अराजकता असंतुष्टि और अविश्वास बढ़ जायेगा...
लोकतंत्र सेनानी आंदोलित हो जायेगें...
यह विषय राष्ट्रीय चर्चा चिंतन और माननीय उच्चतम न्यायालय और निर्वाचन आयोग समाध्यक्षो मतदाताओं के राष्ट्र परक विश्वास और न्याय और नीति का है न कि आज की रीति का नहीं तो यह ट्रेडिंग वायरस सरकार संविधान वायरस बन जायेगा यह वायरस लोकतंत्र को खा जायेगा विश्वास की खेती लुट जायेगी अराजकता असंतुष्टि और अविश्वास बढ़ जायेगा लोकतंत्र सेनानी आंदोलित हो जायेगें।
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