बिजली समस्याओं को लेकर केस्को एमडी से की मुलाकात
संजय मौर्य
ज्ञापन में प्रदेश सरकार के उस घोषणा की जिसमें उसने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार बिजली बिलों में लगने वाले सरचार्ज में छूट देगी कि याद दिलाते हुए कहा गया है कि सरकार की मंशा के विपरीत केस्को बिलों पर सरचार्ज लगा कर जनमानस को राहत देने के बजाय उत्पीडित करने का काम कर रहा है कहा गया है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान लगभग 3 माह तक जब सारे उद्योग, पारिक प्रतिष्ठान और कारखाने बंदो अप्रत्याशित रूप से बिजली बिलों में बढ़ोत्तरी किस प्रकार हो सकती है। यह समझ से परे है। बिजली उपभोक्ताओं को लूटने की नीयत से तीन माह का बिल एक साथ बनाकर और सरचार्ज लगाकर भेजा जा रहा है जो सरासर गलत व अन्यायपूर्ण है। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि 3 माह का बिल एकसाथ बना कर उस पर सरचार्ज और फिक्स चार्ज लगा देने से यूनिट स्लैब में भारी अन्तर आ जाता है और इससे बिजली मूल्यों में अप्रत्याशित रूप से बढोतरी हो जाती है। जिसे इस संकट के दौर में वहन कर पाना उपभोक्ताओं के लिए बेहद कठिन है। जबकि आम नागरिक अपने परिवार की रोजीरोटी के लिए जद्दोजहद कर रहा है ऐसी स्थिति में अगर यनिट स्लैब प्रत्येक माह के हिसाब से बिजली का मूल्य निर्धारित किया जाये तो इससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी। ज्ञापन में मांग की गई है कि लॉकडाउन अवधि के लगभग 3 माह का सरचार्ज और फिक्स चार्ज समाप्त किया जाये। बिजली बिल माहवार बनाया जाये। बने हुए बिलों को तत्काल संशोधित किया जाये।
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