R.N.I. No. UPHIN/2005/17084
संजय मौर्य
उत्तर प्रदेश एक तरफ जहां पूरी दुनिया नोबेल कोरोना वायरस जैसी भयानक महामारी से जूझ रही है वहीं दूसरी तरफ पूरे विश्व में टिड्डियों का भी हमला जारी हो चुका है जी हां आपको बता दें कि पूरे विश्व के साथ साथ अब उत्तर प्रदेश में भी टिड्डियों ने हमला शुरू कर दिया है टिड्डीयो के इस हमले से बचने के लिए प्रदेश सरकार तरह तरह के उपाय कर रही है वही कानपुर के कृषि विश्वविद्यालय के कीट विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर धर्मराज सिंह भी किसानों को इस भयानक आपदा से निपटने के लिए तरह-तरह के उपाय बताए हैं कानपुर के कृषि विश्वविद्यालय के किट विभाग के प्रोफेसर डॉ धर्मराज सिंह का कहना है कि उन्होंने कुछ समय पहले ही भयानक कीटों के बारे में एडवाइजरी जारी करी थी उनका कहना था कि जिस तरीके से जलवायु परिवर्तन हो रहा है उसको देखते हुए टिड्डियों का आतंक उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा वही उनका कहना है कि रेतीली और मरुस्थली जगह पर टिड्डियां एक साथ लाखों अंडे जमीन के अंदर देती हैं जिससे लाखों की संख्या मे टिड्डियां उत्पन्न होती हैं और यह टिड्डियां किसानों की फसल हरे पेड़ पौधे वह जहां पर भी बैठते हैं उन फसलों को पूरी तरीके से नष्ट कर देते हैं लाखों की संख्या में टिड्डियों का झुंड एक साथ इधर से उधर घूमते हैं
ये एक दिन में 2500 आदमियों व 10 हाथियों के बराबर खाना खाते हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह किसानो की फसल के लिए कितना ज्यादा हानिकारक हो सकते हैं वही इसके बचाव के लिए डॉ धर्मवीर सिंह का कहना है कि एक साथ किसान एकत्रित होकर ऐसी स्थिति में थाली, ढोलक, शंख, डीजे आदि की ध्वनि उत्पन्न करके इन भयानक टिड्डियों के आतंक से बचा जा सकता है वही इनका कहना है कि कुछ ऐसे दवाइयां भी हैं जिनका छिड़काव करके इन टिड्डियों के द्वारा होने वाले नुकसान से किसान अपनी फसल को बचा सकता है।
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