पशुपालन के क्षेत्र में रोजगर देकर उत्पादन और मांग के अंतर को कम किया जा सकता है:-अजय प्रताप सिंह

संजय मौर्य 


कानपुर। अपना दल (एस) के महासचिव व सदस्य उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद अजय प्रताप सिंह ने एक पत्र के माध्यम से उप्र के मुख्य मंत्री व सूबे के पशुपालन व दुग्ध विकास मंत्री को सुझाव दिया कि पशुपालन के क्षेत्र में रोज़गार देकर उत्पादन व खपत के अंतर को कम किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि COVID19 की महामारी के कारण प्रदेश में अन्य राज्यों से वापस आये मज़दूर वापस नही जाना चाहते हैं। उनके सामने रोज़गार की जटिल समस्या उत्पन्न होगी। ऐसे में उन्हें ऋण देकर पशुपालन के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाया जा सकता है।


वर्तमान समय मे पशुपालन से सम्बन्धित कोई योजना भी नही है। पूर्व की सरकार में कामधेनु व मिनी कामधेनु योजना चल रही थी जो भाई भतीजावाद व लूट के भंवर में फंस कर दम तोड़ गयी। पशुपालन की  योजना संचालित कर इसके अंतर्गत लाखों बेरोजगारों को ऋण देकर उन्हें पशुपालन के क्षेत्र में रोजगार दिया जा सकता है। जहां एक ओर लाखों लोगों की बेरोज़गारी दूर होगी वहीं दूसरी ओर उत्पादन और मांग के अंतर को भी कम करने में सहायता मिलेगी। दुग्ध समितियों द्वारा पशुपालक से शत प्रतिशत दुग्ध खरीदना सुनिश्चित किया जाए। उनके भुगतान से कुछ अंश काटकर ऋण की वसूली की जा सकती है। अन्त में अजय प्रताप सिंह ने सूबे के मुखिया व कैबिनेट मंत्री पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री को अपने सुझाव पर  विन्रमता पूर्वक विचार करने का आग्रह किया गया।पत्र की प्रतिलिपि राज्य मंत्री पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री के अतिरिक्त विभागीय प्रमुख सचिव व सचिव/कार्यकारी अधिकारीगणों को भी प्रेषित कर सुझाव दिया गया है।


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