किसानों को आर्थिक मंदी की मार सब्जी का नहीं मिल रहा उचित मूल्य..

बच्छराज सिंह मौर्य 


फतेहपुर किसानों को लाग डाउन के चलते बाजार ना लगने के कारण किसानों को अपने सब्जी का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा क्योंकि गांव में घूमने सब्जी बेचने किसानों के लिए गरज का सौदा साबित हो रहा है जिससे आम जनता सब्जी का उचित मूल्य ना देकर अपने हिसाब से कम रेट में सब्जी खरीदना चाहते हैं जिससे किसानों को सब्जी बेचने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है कोरोना के चलते किसानों को डिस्टेंस बनाकर भी सब्जी बेचने के लिए सरकार ने अधिकृत नहीं किया है दुकान ना लगने के कारण सब्जी बेचने में किसानों को अवने।पवने। बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है जिससे किसानों को सब्जी की लागत व मेहनत नहीं निकल पाती और बाजार ना लगने के कारण आम जनता को सब्जी उपलब्ध नहीं हो पाती क्रोना की मार के चलते आम जनमानस में संक्रमित रोग का खतरा बना रहता है जिससे आम किसान मंडियों में अपना सामान बेचने के लिए कम दाम में बेबस दिखते हैं किसानों को कोरोनावायरस के चलते इस बार इस बार गर्मियों में अपनी सब्जियों का मूल नहीं मिल पाता आम किसान किसी प्रकार उसे कम दाम में बेचने के लिए मजबूर होता है जिससे उससे लागत न निकाल पाने के कारण व आर्थिक मंदी के दौर से गुजरना पड़ता है किसानों को मंडियों में समय निर्धारित के अनुसार अपना सब्जी बेचना पड़ता है क्योंकि मंडियों में प्रशासन के नियम के अनुसार पुलिस के डर के भय से जल्दी-जल्दी अपना सामान कम दाम बेचने पर मजबूर हो जाते हैं जिससे उसके सामान का उचित मूल्य नहीं मिल पाता और उचित मूल्य मिलने के कारण उसकी लागत भी वाह मेहनत भी नहीं निकल पाती जिससे वह आर्थिक तंगी से जुड़ना पड़ता है इस समय देश के किसानों की यही समस्या है 4 माह के लाल डाउन के चलते किसान किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है


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