अगले जन्म भी तुम मेरी बेटी ही बनना...

सुरेंद्र सैनी 


बेटी... जब तुम


मैं कितना ख़ुश हुआ जब तुम आयी थी


इस दुनिया में तुम्हार नन्हे-कोमल हाथ मुझे


आनंदित कर रहे थे जैसे


तुम मुझे शुक्रिया कह रहीं.


तुम्हारे आने के बाद मुझे जरुरत ना रही


किसी दूसरे खिलोने की.


मेरा परिवार तुमसे पूरा हो गया


मैंने भी जीने का सलीका सीखा कदम-कदम पर


तुम मेरा बेटा बनी और मुझे गर्व का एहसास कराया तुमने.


डरता हूँ उस पल को सोचकर जब तुम्हारी रुख़सती होगी


कोई गैर ले जाएगा तुम्हें डोली में बैठाकर.


शायद मैं रुक ना सकूंगा...


लेकिन यही हमारी संस्कृति है.


बस मैं तुमसे इतना मांगता हूँ "उड़ता"


अगले जन्म भी तुम मेरी बेटी ही बनना.


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