‘महिला शक्ति’ ही साकार करेगी विश्व एकता का सपना -डा.भारती गाँधी

महिलाएं ही समाज को शक्तिशाली व प्रगतिशील बनाती है


कार्यालय संवाददाता


लखनऊ। ‘विश्व एकता सत्संग’ में बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका व बहाई धर्मानुयायी डा. भारती गाँधी ने कहा कि महिलाएं ही समाज को शक्तिशाली व प्रगतिशील बनाती है। वर्तमान समाजिक विकास में महिलाओं की अतुलनीय भागीदारी है। जिस समाज में पुरुष-महिला समानता होती है, वे अधिक प्रगति करते हैं। अब समय आ गया है कि महिलाओं को आगे बढ़कर सामाजिक उत्थान में अपना योगदान देना चाहिए, साथ ही साथ महिलाओं की हक की लड़ाई में पुरुषों को भी आगे आना चहिए। डा. गाँधी ने आगे कहा कि महिलाओं में दूरदृष्टि, धैर्य, क्षमा इत्यादि गुण नैसर्गिक रूप से विद्यमान हैं।



इस अवसर पर उन्होंने ‘नारी हो तुम अरि न रह सके पास तुम्हारे’ कविता सुनाकर सभी को महिला शक्ति से अवगत कराया। विश्व एकता सत्संग में आज सी.एम.एस. अलीगंज (द्वितीय कैम्पस) के छात्रों ने शिक्षात्मक-आध्यात्मिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्कूल प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरूआत करके बच्चों ने समूह गान ‘असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय’ प्रस्तुत किया।


आज महिला दिवस के अवसर पर छात्रों के सभी कार्यक्रम महिलाओं पर समर्पित थे। छात्रों ने जहाँ एक ओर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मौलिक अधिकारों पर चर्चा की तो वहीं दूसरी ओर होली पर कार्यक्रम प्रस्तुत करके संदेश दिया कि होली खुशियों का त्योहार है। इस अवसर पर विभिन्न धर्मानुयाइयों एवं विद्वजनों ने भी अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। सत्संग का समापन संयोजिका सुश्री वन्दना गौड़ के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।



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