जो धर्म समाज को नफरत की शिक्षा दे, वह धर्म नहीं
लखनऊ। विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए बहाई अनुयायी डा. भारती गाँधी ने कहा कि हम एक ऐसे विश्व का निर्माण करेगे जहाँ रंगभेद, जाति-पाँति का भेद भाव नहीं होगा। सभी लोगों को संपूर्ण मानवजाति से पे्रम होगा और सारे धर्म समान होंगे। जो धर्म समाज को नफरत की शिक्षा दे, वह धर्म नहीं है।
उन्होने कहा कि जो इन्सानियत की शिक्षा दे, वही धर्म है। सीएमएस की शिक्षा का उद्देश्य विश्व शांति व एकता है और इसके बच्चे बड़े होकर दुनिया से लडाईयाँ बन्द करायेंगे। ‘‘विश्व एकता सत्संग’’ में छात्रों ने रंगारंग आध्यात्मिक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की सुन्दर प्रस्तुतियों से उपस्थित सत्संग प्रेमियों को भावविभोर कर दिया। स्कूल प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरूआत करके छात्रों ने ‘‘ओ गाॅड गाईड मी’’ भक्तिगीत की प्रस्तुति दी। प्री प््रााईमरी के छात्रांे ने ‘राईम्स’ प्रस्तुत किया। लधु नाटिका ‘सेव इन्वार्यन्मेन्ट’ तथा नुक्कड़ नाटक ‘वाटर पाॅल्युशन’ के माध्यम से छात्रों ने पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया। छात्रों की माताओं ने भजन ‘आई कीप ट्रस्टिंग माई लाॅर्ड’ प्रस्तुत किया।
बच्चों द्वारा सीएमएस के सिद्धान्त पर प्रस्तुत किवज की खूब सराहना हुई।‘‘विश्व एकता सत्संग’’ में उपस्थित कई जाने-माने विद्वानों एवं विभिन्न धर्मावलम्बियों ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। अन्त में सत्संग की संयोजिका वंदना गौड़ ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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