सिख गुरुओं ने "सेवा" को अपने जीवन का अटूट हिस्सा बनाया
प्रीतपाल सिंह
लखनऊ।गुरबाणी का कथन है "सतगुर की सेवा सफल है जे को करे चित लाये " सेवा एक ऐसा शब्द है जिसका सिख धर्म से बहुत पुराना और गहरा सम्बन्ध है कोई तन की सेवा करता है, कोई मन की सेवा करता है तो कोई अपनी नेक कमाई में से धन की सेवा में अपना योगदान डालता है। सिख गुरुओं ने सेवा को अपने जीवन का हिस्सा बनाया और दूसरों को भी मनुष्य की सेवा करने का सन्देश दिया, यही कारण हैं जब भी कोई प्रकिर्तिक आपदा आती है तब सिख धर्म के अनुयायी जगह जगह लंगर लगा कर भूखों के पेट भरते और दूसरे तरीकों से सेवा करते नज़र आ जाते हैं।
कोई तन की सेवा करता है, कोई मन की सेवा करता है...
सिख धर्म में एक मात्र स्त्री ऐसी हुई हैं जिन्हे गुरु की पुत्री, गुरु की पत्नी और गुरु की माता होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ हैं जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सेवा करते हुए व्यतीत किया। जी हाँ उनका नाम हैं बीबी भानी जी जो सिखों के तीसरे गुरु श्रीगुरु अमरदास जी की पुत्री थीं, चौथे गुरु श्रीगुरु राम दास जी की पत्नी थीं और पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी की माता थीं
आज उन्ही बीबी भानी जी का जन्म उत्सव गुरु सिंह सभा गुरद्वारा आर.डी.एस.ओ में स्त्री सत्संग सभा द्वारा बहुत ही श्रद्धा और हर्ष उल्हास के साथ मनाया गयासुबह से ही संगतों ने गुरद्वारे में पहुँच कर श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के आगे नतमस्तक होकर माथा टेका और पूरा महौल भक्ति में डूबा नज़र आया।
कोई अपनी नेक कमाई में से धन की सेवा में अपना योगदान डालता है...
भाई गुरदीप सिंह , सरदार प्रितपाल सिंह, सरदार लखविंदर सिंह ने जहाँ "आसा दी वार" के कीर्तन से संगतों को निहाल किया वही बीबी गुरप्रीत कौर और बीबी सिमरन कौर ने अपनी मधुर आवाज़ में कीर्तन कर संगतों को मत्रमुग्ध कर दिया विशेष तौर पर गुरद्वारा आलमबाग और गुरद्वारा सिंगार नगर से आये भाई गुरदेव सिंह जी ने सेवा से सम्बंधित शब्द गाये और ज्ञानी सतवंत सिंह जी ने बीबी भानी जी के जीवन पर प्रकाश डाला।
"सतगुर की सेवा सफल है जे को करे चित लाये"
स्त्री सत्संग सभा की अध्यक्षा श्रीमती सुरिंदर कौर जी ने सभी संगतों का धन्यवाद करते हुए बीबी भानी जी के जन्म उत्सव की बधाई दीं। इस मौके पर संगतों ने भी सेवा में बढ़ चढ़ कर अपना योगदान दिया बाद में जिन्हे सभा की तरफ से सम्मानित किया गया। समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर भी बांटा गया।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें