देश की कोई भी बड़ी पार्टी वोटरशिप कानून बनाने के पक्ष में नहीं -प्रदीप
क्या भारत सरकार देश के वोटरों के साथ शीघ्र वोटरशिप अधिकार कानून बनाकर सबसे बड़ा न्याय करने का साहस करेंगी?
वोटरशिप पर कानून बनाने की देशव्यापी मांग पर भारत सरकार संसद में शीघ्र चर्चा कराये। ताकि वर्ष 2005 से लटका वोटरशिप अधिकार कानून बनने का मार्ग शीघ्र प्रशस्त हो सके। वोटर का इंसाफ मिलेगा या फिर इस सबसे बड़े लोक कल्याणकारी मामले को बिना संसद में चर्चा कराये यूं ही टाल दिया जायेगा।
हमारा संकल्पित जोरदार नारा है - जो वोटरशिप की बात करेगा, वही देश में अब राज करेगा। देश के वोटरों की धड़कन है वोटरशिप। वोटरशिप अधिकार कानून बनाने का वादा करने वाली सरकार को ही अपना कीमती वोटर देकर इस बार जीताएं। हम सरकार के सामने अपनी बात स्पष्ट रूप से रखना चाहते है कि वोटर को अपने बहुमूल्य वोट से सरकार बनाने की फीस वोटरशिप के रूप में उसके संवैधानिक अधिकार के रूप में मिलनी चाहिए।
क्या भारत सरकार देश के वोटरों के साथ शीघ्र वोटरशिप अधिकार कानून बनाकर सबसे बड़ा न्याय करने का साहस करेंगी? हमें अनेक वर्षों का अनुभव है कि देश की कोई भी बड़ी पार्टी वोटरशिप कानून बनाने के पक्ष में नहीं है। इस कारण से हमने इन बड़ी पार्टियों की उपेक्षा से नाराज होकर विगत 3 वर्ष पूर्व देश को राजनैतिक विकल्प देने के लिए वोटर्स पार्टी इण्टरनेशनल की स्थापना की है। मात्र तीन वर्षों में वोटरशिप को राष्ट्रीय स्वीकार्ता मिली है।
वोटरशिप प्रत्येक परिवार में आर्थिक समृद्धि लाकर आर्थिक आजादी का मार्ग प्रशस्त करेगी। वोटरशिप के विचार में पूरी पारदर्शिता है। भ्रष्टाचार की इसमें कोई गुंजाइश नहीं है। लोकतंत्र के इतिहास में वोटरशिप अब तक की सबसे लोकप्रिय, सर्वमान्य तथा सार्वभौमिक तथा जन हितकारी योजना है। वोटरशिप में देश के सभी वर्गों का एक समान दृष्टि से ध्यान रखा गया है। भेदभाव की वोटरशिप में रत्ती भर भी गंुजाइश नहीं है। असीम संभावनाओं वाली वोटरशिप का देश भर के सभी वोटरों को अपनी पार्टी, क्षेत्र, धर्म, जाति आदि से ऊपर उठकर हार्दिक स्वागत करना चाहिए। विशेष रूप से वोटरशिप का व्यापक विचार गरीब-बेरोजगारों की उम्मीदों को पूरा करने वाला है। सभी देशवासियों को वोटरशिप की सच्चाई, न्याय, मानवता तथा आर्थिक आजादी की जीत के रूप में स्वीकार करना चाहिए। सबसे पहले कार्य सबसे पहले किया जाना चाहिए। वोटरशिप कानून बनाना सबसे पहले कार्य है क्योंकि यह करोड़ों लोगों को भूख, गरीबी तथा बेरोजगारी से मुक्ति दिलाने सबसे शक्तिशाली हथियार है। वोटरशिप किसानों, गरीबों, निम्न, मध्यम, उच्च वर्गों, महिलाओं, पुरूषों, युवाओं, शिक्षित, अशिक्षित सभी को लाभ पहुँचाने वाली एक सर्वस्पर्शी व कल्याणकारी अधिकार योजना है। हमारी दृष्टि में अब तक वोटरशिप को कानूनी जामा न पहनाना दुनिया का आंठवा आश्चर्य है? वोटरशिप अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जन-जाति की आर्थिक आजादी के प्रति भी समान दृष्टि से संवेदनशील है। वोटरशिप की पात्रता की शर्त वोटर होने मात्र से पूरी हो जाती है।
चुनाव आयोग के पास देश के प्रत्येक वोटर का विवरण उपलब्ध है। प्रत्येक वोटर का बैंक खाता खुला हुआ है जो कि आधार कार्ड से लिंक हैं। वोटरशिप की धनराशि सीधे वोटर के खाते में भेजने का ढांचा पहले से तैयार है। वोटरशिप कानून बनाने की देर संसद से हो रही है जो कि वोटरशिप अधिकार कानून बनने के मार्ग की सबसे बड़ी बाधा है। वोटरशिप के द्वारा हम देश के हर वोटर खासकर गरीबों-बेरोजगारों के हाथों में सरकारी खजाने से पैसा थमाना चाहते हैं। जेब में पैसा होने से इंसान का दिमाग तेजी से काम करता है। वर्तमान अति आधुनिक मशीनी युग तथा वैश्विक खुले बाजार के युग में हम प्रत्येक वोटर को रोजगार-नौकरी दे नहीं सकते। इस अभाव के चलते हमारी युवा पीढ़ी मानसिक रूप से कुण्ठित तथा बीमार हो रही हैं।
वोटरशिप कानून बनने स्वदेशी लोकतंत्र की परिकल्पना साकार होगी। वोटरशिप अभियान नव वर्ष 2020 में इतिहास रचने के युवा जुनून तथा जज्बे से निरन्तर आगे बढ़ रहा है। वोटरशिप कानून के बनने से आर्थिक समृद्धि प्रत्येक परिवार में आयेगी ही इसके साथ ही इसके द्वारा वास्तविक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय जगत का पुनर्जागरण और सकारात्मक बदलाव भी होगा। वोटरशिप अब आपके द्वार पर आपसे रू-ब-रू होकर दस्तक दे रहा है। आइये, उठकर उसका हार्दिक स्वागत करें। अतिथि देवो भवः! भारत की वास्तविकता दुनिया के समक्ष क्या है? भारत क्या सिर्फ देश की सीमाओं के भीतर 130 करोड़ लोगों का घर ही मात्र ही है? हमारे अन्तःकरण की आवाज कहेगा, जी नहीं, भारत एक महान राष्ट्र के साथ-साथ एक जीवंत परम्परा है, एक विचार है, एक संस्कार है। वोटरशिप के राजपथ पर जब आप निकलेंगे तो पूरी दुनिया मंत्र मुग्ध होकर आपको देखेगी। साथ ही भारत से शुरू हुई वोटरशिप की आंधी सारी दुनिया से आर्थिक गुलामी में कैद मानव जाति को एक झटके में मुक्त कराकर अपने-अपने देश में वोटरशिप कानून बनाने के लिए आपस में होड़ करेगी।
हमारी संस्कृति में वसुधा को कुटुम्ब माना जाता है। भारत वास्तव में लघु विश्व का रोल माॅडल है। देश की प्राचीन समृद्ध कला-संस्कृति विश्व की अनमोल धरोहर है। वोटरशिप से युक्त नये भारत का भावी वोटर राजपथ पर अपनी प्रतिभा तथा समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन करने के समान एक अद्भुत नजारा होगा। भारत की समृद्ध तथा मानवीय उदार संस्कृति का दुनिया दर्शन भी करेगी। वोटरशिप के द्वारा हमें यह सुनिश्चित करना है कि भारत का कोई भी वोटर, कोई भी परिवार पीछे न रह जायें। हमें वोटरशिप से आज अभी खुद को जोड़ना होगा। विश्व का परिदृश्य बहुत ही अस्त-व्यस्त करने वाला है।
इस अशान्त वातावरण के प्रदुषण तथा वायरस से वोटरशिप का सबसे शक्तिशाली विचार हमें विचलित तथा मानसिक रूप से बीमार होने से रोकता है। वोटरशिप हर वोटर को आर्थिक रूप से सशक्त करता है। राष्ट्रीय स्तर की सरकार से हमारी छः हजार
रूपये प्रतिमाह प्रत्येक वोटर के खाते में डालने की मांग है। साथ ही सरकारी कर्मचारियों की तरह मंहगाई भत्ता की राशि अलग से होगी। राष्ट्रीय स्तर से अगले चरणों में विश्व सरकार तक के गठन का रास्ता वोटरशिप मानव जाति को दिखाता है। दूसरे अगले चरण में दक्षिण एशियाई सरकार बनाकर वोटरशिप की राशि बढ़ाकर पन्द्रह हजार रूपये करें, तीसरे चरण में आधे विश्व की सरकार बनाकर वोटरशिप की राशि पच्चीस हजार रूपये करें तथा चैथे अन्तिम चरण में विश्व सरकार बनाकर वोटरशिप की राशि चालीस हजार रूपये प्रत्येक वोटर को प्रतिमाह दिलाने के हम पूर्णतया संकल्पित हैं।
मानव जाति के लिए वोटरशिप इस युग का सबसे दमदार मकसद है। वोटरशिप का मात्र एक कानून लोगों की सोच तथा जीवन स्तर को बहुत ही तेजी से बदलकर रख देगा। वोटरशिप का सफर राष्ट्रीय स्तर पर ही वरन् अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक सतत विकास करेगा। वोटरशिप से वसुधैव कुटुम्बकम् अर्थात जय जगत की परिकल्पना साकार होगी। साथ ही एक युद्धरहित तथा आतंकवादरहित विश्व का सपना भी साकार होगा। इसी को कहते है 21वीं सदी उज्जवल भविष्य तथा धरती पर स्वर्ग का अवतरण। 21वीं सदी में वोटरशिप का दर्शन कहता है कि सभी धर्मों का एवं उनकी पवित्र पुस्तकों का स्रोत एक ही परमात्मा है। नई सदी में इस सच्चाई को फैलाने की आवश्यकता है कि ईश्वर एक है, धर्म एक है तथा मानव जाति एक है।
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