व्यक्ति अपने आप मे विशेष होता
जीवन मे प्रतिस्पर्धा का होना बेहद जरूरी है। अगर आपको जीवन बेहतरीन बनाना है तो प्रतिस्पर्धा करनी ही होगी। हर आने वाला दिन आज से बेहतरीन हो तो उसके लिये प्रतिस्पर्धा करनी होगी पर वह किसी और से न होकर अपने आप से होनी चाहिए। इसके लिए आपके अंदर यह भावना होनी चाहिए कि मैंने आज जो किया उससे और बेहतर करके अपने कल को बेहतरीन करूँ। अगर आप प्रतिस्पर्धा दूसरों से करेंगे तो वह खेल हो जाएगा और आपका उद्देश्य सिर्फ हार - जीत हो जाएगा।
हर व्यक्ति अपने आप मे विशेष होता है, अद्वितीय होता है...
हर आदमी की अपनी क्षमताएं होती है। जो लोग जीवन मे दूसरों से प्रतिस्पर्धा करते है उनके हिस्से में हमेशा हताशा ही आती है। अगर प्रतिस्पर्धा खुद से हो तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। क्योंकि जब खुद से प्रतिस्पर्धा करते हैं तो आपका विकास अनवरत होता रहता है और आप अपने लक्ष्य के करीब पहुंचते रहते है इस तरह आप हर दिन को आज से बेहतर बनाते हुए एक दिन अपने को लक्ष्य तक पहुंचाने में कामयाब हो सकते और दूसरों से प्रतिस्पर्धा में सदैव हार का डर व असुरक्षा की भावना बनी रहती है और उस डर से उबरने के लिए आप उचित अनुचित रास्ते अपनाते है। इसलिए अगर जीवन मे लक्ष्य को प्राप्त करना है तो हमेशा अपना बेहतर प्रदर्शन करो।
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