यातायात के नियमों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए -मुख्यमंत्री

अधिकतर दुर्घटनाओं का कारण असावधानी अथवा मानवीय भूल होती है...


ट्रैफिक के सामान्य नियमों की जानकारी और अनुपालन से बड़ी संख्या में दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है...


स्वास्थ्य विभाग सड़क दुर्घटना होने पर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को गोल्डेन आवर में अच्छी चिकित्सा उपलब्ध कराये पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रॉमा का विशेष प्रशिक्षण दिया जाए ..


सुजाता मौर्या 


लखनऊ |  प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैफिक के सामान्य नियमों की जानकारी और अनुपालन से बड़ी संख्या में दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। अधिकतर दुर्घटनाओं का कारण असावधानी अथवा मानवीय भूल होती है। सड़क सुरक्षा और यातायात के नियमों के सम्बन्ध में आम नागरिक को जागरूक किया जाना आवश्यक है। इस कार्य में सामूहिक प्रयास अधिक कारगर साबित हो सकता हैपरिवहन, गृह, पी0डब्ल्यू0डी0, शिक्षा विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य सम्बन्धित विभागों को मिलकर सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में जन जागरूकता का यह कार्य करना चाहिए| 



मुख्यमंत्री ने 'सड़क सुरक्षा सप्ताह' के अन्तर्गत 'सड़क सुरक्षा रैली' के शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित किया मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा रैली को झण्डी दिखाकर रवाना किया...


आज यहां 'सड़क सुरक्षा सप्ताह' 14 अक्टूबर से 20 अक्टूबर, 2019 के अन्तर्गत 'सड़क सुरक्षा रैली' के शुभारम्भ कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु न केवल परिवार के लिए चिन्ताजनक होती हैं, बल्कि राज्य के लिए भी चिन्ता का विषय है।


राज्य सरकार सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध...


सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए राज्य प्रतिबद्ध है इसके लिए अनेक कदम उठाये जा रहे हैं सड़क सुरक्षा के लिए सड़क यातायात के सम्बन्ध में जागरूकता सबसे अधिक जरूरी है। इस अवसर पर उन्होंने सड़क सुरक्षा रैली को झण्डी दिखाकर रवाना किया| 



परिवहन विभाग द्वारा ड्राइविंग इंस्टीट्यूट खोले जाने चाहिएइसके साथ ही, ड्राइविंग लाइसेंस का हर साल रिन्युवल भी किया जाना चाहिए उन्होंने आवश्यकता जतायी कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों का लाइसेंस जब्त किया जाए उन्होंने कहा कि नियंत्रित स्पीड, हेल्मेट और सीट बेल्ट के प्रयोग, चालक के नियमित हेल्थ चेकअप जैसी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर जन-धन की बड़ी हानि को रोका जा सकता है| सड़क यातायात के नियमों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिएशिक्षा का अर्थ केवल पुस्तकीय ज्ञान प्रदान करना ही नहीं, व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना है। इसलिए शिक्षण, प्रशिक्षण से सम्बन्धित प्रत्येक संस्था का दायित्व है कि विद्यार्थियों को जीवन के लिए उपयोगी नियमों से अवगत करायेउन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में यातायात की जानकारी देने के उद्देश्य से गोष्ठी की जानी चाहिए|


सड़क सुरक्षा और यातायात के नियमों के सम्बन्ध में आम नागरिक को जागरूक किया जाना आवश्यक...


परिवहन, गृह, पी0डब्ल्यू0डी0, शिक्षा तथा स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य सम्बन्धित विभागों को मिलकर सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में जन जागरूकता का कार्य करना चाहिए..


स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करे कि सड़क दुर्घटना होने पर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को गोल्डेन आवर में अच्छी चिकित्सा उपलब्ध हो सके, जिससे उसकी जान बचायी जा सके। इसके लिए आवश्यक है कि पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रॉमा का विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। सड़क सुरक्षा सप्ताह को वर्ष में चार बार आयोजित किया जा रहा है। 


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