फिर धीरे धीरे आँखें खोलो
एक बहरूपिये ने ढ़ोल बजाया
चाय पे चर्चा का स्वांग रचाया
दस लाख का सूट पहनकर
उसने लूटा बापू का चरखा
आओ करें चाय पे चर्चा
अहिंसा के अ को छीना
उसको सत्य के आगे लगाया
हिंसा और असत्य को
सत्ता का मंत्र बनाया
आओ करें चाय पे चर्चा
उसने कहा था मैंने चाय बेची
पर देश को नहीं बिकने दूंगा
आज सत्ता पर बैठकर
लिस्ट बनाओ उसने क्या क्या बेचा
रेल (Rail) बेची,भेल (BHEL) बेची
एयरपोर्ट बेचे,एयर इंडिया बेची
पानी बेचा.कोयला बेचा
खदान बेची,जंगल बेचा
Hal को उसने डूबाया
LIC का मुनाफ़ा लूटाया
BPCL की बोली लगा दी
ONGC की वाट लगा दी
बीएसएनएल, mtnl पर ताला लगाया
सरकारी कम्पनियों को बेच खाया
अम्बानी-अडानी का जयकारा लगाया
राष्ट्रवाद का लगाये नारा
मोबलिंचिंग से मरवाए प्यारा
NRC का चलवाकर आरा
रोज़ काटे भाईचारा
आओ करें चाय पे चर्चा
न्याय को लहुलुहान किया
न्यायपालिका को लोयालुहान किया
जमानत पर है देश सारा
तड़ीपार की खैरात पर
हाँ में हाँ सर हिलाए
मी लार्ड हमारा
आओ करें चाय पे चर्चा
हाँ, काला धन था लाने वाला
नोटबंदी का फरमान चलाया
उसने गुल्लक तुडवाया तुम्हारा
तुम को उसने चोर कहा
कालेधन का मोर कहा
रोज़ लाइन में लगवाया
अपने पैसे के लिए खूब तरसाया
पुलिस के डंडे से पिटवाया
राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया
उसने कहा रुपया नहीं
गिरने दूंगा
पेट्रोल डीजल का भाव
पानी के बराबर कर दूंगा
आज रुपया डूब गया
पेट्रोल डीजल जेब को खा गया
उसने कहा था विकास करूंगा
इस बात पर सांस लो
आराम से शांत चित आँख बंद करो
तीन बार विकास बोलो
फिर धीरे धीरे आँखें खोलो
पहले देखो आसमान
फिर देखो आसपास
गली अपनी,गाँव अपना
कस्बा और शहर अपना
अपने घर की बात करो
आटे दाल का भाव करो
अपने दिल की बात बताओ
महंगाई की मार बताओ
क्या बच्चों की फीस कम हो गई
नए स्कूल और कॉलेज खुल गये
या जो थे वो भी बंद हो गये
विकास दिखे तो सबको दिखाओ
उसने कहा था
किसानो की आय दुगनी कर दूँगा
क्या किसान को उसकी फ़सल का दाम मिला है?
दुगना छोड़ो, क्या सरकारी दाम मिला है?
आत्महत्या किसान का भाग्य बना
वो नया अवतार बना
कब तक खेती में लूटता रहेगा
कब तक किसान आत्महत्या करता रहेगा?
इस सवाल पर बात करो
सवाल नहीं, अब बवाल करो
उसने कहा बेटी बचाओ,बेटी पढाओ
दिन रात मंत्रियों से
संतरियों से अस्मत लूटवाये
बलात्कारियों को जमानत दिलवाए
पीड़िताओं को मौत के घाट उतरवाए
बच जाएँ तो जेल भिजवाये
उसने कहा था
भारत के युवाओं को नौकरी दूंगा
रोज़ रोजगार बंद करवाए
भर्ती रुकवाए,छात्रों पर केस चलवाए
पकौड़े बेचने की मुफ्त सलाह दे
कोई पकौड़े का ठेला लगा ले
तो उसको पुलिस से पिटवा दे
जिओ का फ्री डाटा दे
व्हात्सप्प यूनिवर्सिटी में पीएचडी करवाए
युवाओं के मन में विष घोल
बर्बाद करे पीढ़ी अनमोल
मीडिया को गुलाम बनाया
उसमें दंगल खूब कराया
हिन्दू मुस्लिम रोज़ कराए
असली मुद्दों से ध्यान हटवाये
अब बनो अक्लमंद
टीवी के डिबेट देखने कर दो बंद
अब फिर विल्कप क्या है
यह सवाल सामने आया
तो सवाल का सामना करो
घर में आईना देखो
किसकी तस्वीर दिखती है
जिसकी तस्वीर दिखती है
वही विकल्प है
उसी को संकल्प करना है
वही देश का मालिक है
अब चर्चा बहुत हो गई
अब निर्णय की बारी है
या तो देश की बागडोर
सम्भालने का संकल्प लो
या फिर यूँही ही लुटते पीटते रहो
राजनीति मेरा काम नहीं
की माला जपो
और चुपचाप
सत्ताधीश की लात खाते रहो
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