मानवता का आधार...

होता हर दिन त्यौहार..


सुनील कुमार गुप्ता


"सद्कर्मो संग इस जीवन को,
साथी पग-पग-
मिलता आधार।
प्रेम-सेवा-त्याग ही तो,
साथी जीवन के-
बनते श्रृंगार।
आस्था और विश्वास से ही तो,
साथी जीवन के-
हरते विकार।
काम-क्रोध-मद्-लोभ ही,
साथी जीवन के-
शत्रु साकार।
मानव सेवा ही धरती पर,
साथी जीवन में-
मानवता का आधार।
भक्ति संग जीवन पथ पर,
चले जो साथी-
होता हर दिन त्यौहार|




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