हिरोशिमा व नागासाकी में मारे गये लाखों लोगों को दी श्रद्धान्जलि...

हिरोशिमा दिवस पर 'विश्व एकता मार्च' निकालकर  विश्व एकता व विश्व शान्ति की अपील जापान व दाक्षिण कोरिया से पधारे शान्ति प्रचारकों के साथ सी.एम.एस. छात्रों व शिक्षकों ने हिरोशिमा व नागासाकी परमाणु बम के हमले में मारे गये लाखों लोगों को दी श्रद्धान्जलि...


मनोज मौर्या/ मोहम्मद नसीर 


लखनऊ। हजारों छात्रों ने आज हिरोशिमा दिवस के अवसर पर 'विश्व एकता मार्च' निकालकर सम्पूर्ण विश्व में एकता व शान्ति स्थापना की पुरजोर अपील की और हिरोशिमा त्रासदी की याद दिलाते हुए विश्व समुदाय से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने हेतु सार्थक कदम उठाने की माँग की।



यह विशाल मार्च गोमती नगर एक्सटेंशन स्थित मकदूमपुर पुलिस चौकी से प्रारम्भ हुआ और एक विशाल सभा में परिवर्तित हो गया, जहाँ जापान व दाक्षिण कोरिया से पधारे शान्ति प्रचारकों के साथ छात्रों व शिक्षकों ने 'पीस प्रेयर सेरेमनी' में हिरोशिमा व नागासाकी परमाणु बम के हमले में मारे गये लाखों लोगों को अपनी श्रद्धान्जलि अर्पित की एवं सम्पूर्ण विश्व में एकता व शान्ति का साम्राज्य कायम करने का संकल्प लिया।


मानव इतिहास में 6 अगस्त का दिन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें याद दिलाता है कि हिरोशिमा तथा नागाशाकी में 74 वर्ष पूर्व अगस्त 1945 में क्या हुआ था? डा. गाँधी ने आगे कहा कि यदि हम विश्व को युद्धों से बचाना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत हमें बच्चों से करनी पड़ेगी...


इस विशाल 'विश्व एकता मार्च' का नेतृत्व डा. जगदीश गाँधी एवं डा. भारती गाँधी ने किया। इसके साथ ही, प्रो. गीता गाँधी किंगडन, सी.एम.एस. के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रेटजी रोशन गाँधी एवं सभी कैम्पस की प्रधानाचार्याओं के साथ ही शिक्षा, समाज, साहित्य व पत्रकारिता आदि क्षेत्रों की विभिन्न हस्तियाँ इस विशाल मार्च में शामिल होकर छात्रों का जोरदार ढंग से उत्साहवर्धन किया।  इस विशाल मार्च ने आज लखनऊ की सड़कों पर अभूतपूर्व दृश्य उपस्थित किया। 
इस भव्य मार्च में छात्रों ने 'नो मोर हिरोशिमा, नो मोर नागासाकी' आदि नारे लगाते हुए विश्व एकता एवं विश्व शान्ति का आहवान किया। मुख्य अतिथि एवं जापानी दूतावास की प्रतिनिधि श्रीमती क्योको होशिनो एवं दाक्षिण कोरिया से पधारे शान्ति प्रचारकों सुश्री पार्क एह रियम, सुश्री सिओ अन्जेयांग एवं सुश्री कैंग वोनयंग के नेतृत्व में पूरे विश्व में एकता व शान्ति की प्रार्थना की एवं 74 वर्ष पूर्व 6 व 9 अगस्त  1945 को हिरोशिमा व नागासाकी में परमाणु बम के हमलें में मारे गये लाखों लोगों को श्रद्धान्जलि अर्पित की। 
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती होशिनो ने कहा कि आज हम निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं जहाँ हमें विश्व में युद्ध व आतंकवाद की स्थिति को रोकने के लिए सार्थक पहल करने की आवश्यकता है विश्व एकता व विश्व शान्ति के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे ही प्रयासों से विश्व में एकता, शान्ति व सद्भाव की स्थापना होगी। 
मानव इतिहास में 6 अगस्त का दिन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें याद दिलाता है कि हिरोशिमा तथा नागाशाकी में 74 वर्ष पूर्व अगस्त 1945 में क्या हुआ था? डा. गाँधी ने आगे कहा कि यदि हम विश्व को युद्धों से बचाना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत हमें बच्चों से करनी पड़ेगी। प्रत्येक बालक को एकता व शान्ति की शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए और सी.एम.एस. इस दिशा में अनवरत प्रयत्नशील है। हमें खुशी है कि इस दिशा में हमारे प्रयासों को भरपूर समर्थन मिल रहा है।



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