संचारी रोग नियंत्रण पखवाडा को सफल बनाये... 

स्वच्छता की आदत को अपनायें, समाज व स्वयं को स्वस्थ्य बनायें -डीएम


संचारी रोग, बालिका सुरक्षा जागरूकता, स्कूल चलो अभियान का हरी झण्डी दिखाकर डीएम ने किया शुभारंभ...


विद्यालयों में बच्चों को संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा के तहत मस्तिष्क ज्वर, मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकन गुनिया, कालाजार आदि की दे जानकारी...


कार्यालय संवाददाता 


कानपुर| कलेक्ट्रेट सभागार में सदर विधायक प्रतिभा शुक्ला, सिकन्दरा विधायक अजीत पाल सिंह, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने 1 जुलाई 31 जुलाई तक शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में संचारी रोग नियंत्रण, बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान, स्कूल चलो अभियान के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में सदर विधायक प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण तथा इनका त्वरित एवं सहयोग सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।



इस अभियान के कारण दिमागी रोग से होने वाली मृत्यु में भारी कमी आई है। दिमागी बुखार संचारी रोगों पर नियंत्रण तथा इनके त्वरित एवं सुचारू उपचार हेतु प्रभावी उपाय अपनाते हुए अनवरत व्यापक अभियान चलाए जाने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे जिससे कि अनेकों प्रकार की बीमारियों से बचा जा सके।


सिकन्दरा विधायक अजीत पाल सिंह ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ कर दिया गया है तथा यह कार्यक्रम हर जिले में सफलता पूर्वक चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत हैजिससे कि अनेक प्रकार की बीमारियों से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सर्दी के साथ एक दिन छोडकर बुखार का आना, उल्टी, सिरदर्द, बुखार उतरने के बाद पसीना निकलना, कमजोरी होना यह सब मलेरिया के लक्षण है हम सबको सफाई पर ध्यान देना चाहिए।


1 जुलाई से 31 जुलाई तक चलाये जा रहे संचारी रोग नियंत्रण, बालिका सुरक्षा जागरूकता, स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत वह मच्छर रोधी पौधे जैसी नीम, तुलसी आदि को उगाया जाए और खेतों में मच्छरों के प्रजनन को रोकने हेतु नई तकनीकों के प्रयोग के लिए मदद उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिये कि संचारी रोग एवं दिमागी बुखार हेतु जन जागरण अभियान में स्थानीय एवं तथा आशा कार्यकत्रियों के साथ बैठक कर साफ सफाई के बारे में बच्चों के साथ साथ हर नागरिक को इसके बचाव एवं प्रभाव के बारे में बताया।


डीआईओएस व बीएसए को निर्देश दिये कि वह विद्यालयों में हर दिन प्रार्थना के समय बच्चों को संचारी रोग व दिमागी बुखार के विषय में जानकारी दे। छात्रों को बताया जाए कि हर बुखार खतरनाक हो सकता है, दिमागी बुखार के क्या कारण है, बुखार होने पर क्या करें क्या ना करें। उन्हें खुले में शौच ना जाने के बारे में कहे उन्हें बताया जाए कि खुले में शौच जाने से कई बीमारियां होती हैं। खाने से पहले हाथ अच्छी तरह से हाथ साफ करें और नाखूनों को बीमारियां होती हैं। खाने से पहले हाथ अच्छी तरह से हाथ साफ करें और नाखूनों को नियमित रूप से साफ करते रहे एवं काटते रहें। विद्यालयों में प्रभातफेरी, रैली, नारालेखन, वाद विवाद प्रतियोगिता के माध्यम से भी आस पास के लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने जल निगम अधिकारी को निर्देश दिये कि वह ऐसे सभी हैंडपंपों को चिन्हित कर कॉस का निशान लगाएं जिसका पानी सेहत के लिए सही नहीं है और आमजन को इसकी जानकारी हेतु डुग्गी आदि से प्रचार प्रसार अवश्य करायें। जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को निर्देश दिये कि वह प्रधानों के माध्यम से ग्राम स्तर पर साफ सफाई, हाथ धोना, शौचालय की साफ सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जन जागरण के लिए प्रचार प्रसार करायें, जागरूकता हेतु पंपलेट, पोस्टर, बैनर आदि का उपयोग किया जाए। सभी ग्राम वासियों को नुक्कड़ नाटक आदि प्रतियोगिताओं के माध्यम से भी संचारी रोगों के बारे में जानकारी दें व उससे बचाव के बारे में बताया जाए। जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि वह शहरी क्षेत्रों में सभासदों एवं अधिशासी अधिकारियों के साथ बैठक कर शहरी क्षेत्र में भी इसका व्यापक प्रचार प्रसार कराते हुए जनता को इन रोगों के बारे में सटीक जानकारी देते हुए बचाव के विषय में बताया जाये।


जिलाधिकारी ने बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत कहा कि यह अभियान कार्यक्रम जिन विद्यालयों में करीब 200 से 300 तक बालिकायें पढ़ रही है उनकी सुरक्षा के लिए 1 जुलाई से 31 जुलाई तक रोस्टर बनाया गया है जिसमें जिला प्रोबेशन, थाने के कर्मचारी, अधिकारी द्वारा एक टीम बनाकर उस विद्यालय में जाकर बालिकाओं/महिलाओं को सुरक्षा के प्रति जागरूक करेंगी। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से विद्यालय खुल रहे है जिसके तहत स्कूल चलो अभियान कार्यक्रम सभी तहसीलों, ब्लाकों, विद्यालयों में रैली/प्रभात फेरी निकाली जाये तथा तीन वर्ष तक के बच्चों को विद्यालय जाने के प्रति जागरूक करें।


उन्होंने कहा कि आशा व एएनएम इस अभियान में एक मूल कडी साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि आप लोग गांव में रहकर आप सभी को जानकारी होती है कौन सा बच्चा स्कूल जाता है कि नही जाता है आप सभी लोग इस अभियान में लगकर विद्यालयों में बच्चों की संख्या को बढ़ाये।


टिप्पणियाँ