बिजली मज़दूर संगठन अनिश्चितकालीन व चरणबद्ध आंदोलन करेगा  -सुहेल आबिद

कार्यालय संवाददाता 


उ0प्र0 बिजली मज़दूर संगठन की एक बैठक प्रान्तीय महामंत्री सुहेल आबिद की अध्यक्षता में संगठन के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में संम्पन्न हुयी, जिसमे संगठन के उपाध्यक्ष कुलेन्द्र सिंह, दीप सिंह, नितिन शुक्ला, गुफरान वारसी, अमिताभ सिन्हा, फ़िज़ाउद्दीन, जुगल मिश्रा, सागर शर्मा, सुमित श्रीवास्तव, मोहित निगम, संजीव पासवान, वैभव सक्सेना, प्रदीप वर्मा, दीपक सिंह आदि कई नेता उपस्थित रहे। उपस्थित नेताओ ने विभाग के समस्त महत्वपूर्ण जैसे मीटर रीडिंग, मीटर बदलना, कैश कलेक्शन, मेन्टेनेन्स, संविदा भर्ती जैसे महत्वपूर्ण कार्यो को ठेकेदार द्वारा करवाये जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।

प्रान्तीय महामंत्री सुहेल आबिद ने रोष जताते हुए कहा कि प्रबंधन निजीकरण की दिशा में लगातार अपने कदम बढ़ा रहा है और ये नही देख रहा की विभाग में निजी कंपनियों ने किस तरह का नंगा नाच मचा रखा है।

उन्होंने बताया कि संविदा भर्ती जैसे अति महत्वपूर्ण कार्य का निजी हाथों में ठेका मिलने के बाद जो निजी फर्में संविदा की भर्ती कर रही वो मध्यांचल व पूर्वांचल में बाकायदा कारपोरेशन का लोगो लगा कर संविदा भर्ती कर रही व प्रति आवेदन पर 602/- भी वसूल रही थी जिस पर काफी हो हल्ला होने के पश्चात पैसे लेना तो बंद हुआ मगर उक्त फर्म पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई।इस प्रकार मौजूदा प्रबंधन विद्युत उद्योग को लगातार निजी क्षेत्र में खींचने की कोशिश कर रहा मगर उ0प्र0 बिजली मज़दूर संगठन भी  इनका लगातार विरोध करता आ रहा। इसी तरफ एक कदम आगे बढ़ते हुए करोडों स्मार्ट मीटर खरीद लिए गए हैं और जिनको लगाने का ठेका निजी कंपनी Ln T को दे दिया गया है जिसमे ये कंपनी मनमाने ढंग से उपभोक्ता के यहाँ मीटर लगाएगी और मनमाने पैसे वसूल करेगी और बाद में उपभोक्ता के साथ हुई नाइंसाफी का ठीकरा बिजली विभाग पर फोड़ा जाएगा। उस पर से तुर्रा ये की जब पूरे देश मे आदमी 60 वर्ष के पश्चात पूरी क्षमता से सेवा न कर पाने के असमर्थता के कारण सेवानिवृत्त कर दिया जाता है वही मौजूदा प्रबंधन ने सेवानिवृत्त कार्मिकों को संविदा पे रखने का मनमाना आदेश निकाल दिया।

चूंकि इस अदूरदर्शिता भरे आदेश से पूरे प्रदेश में कार्मिको के कार्य मे अक्षमता व अव्यवस्था और बढ़ेगी इसलिए उ0प्र0 बिजली मज़दूर संगठन इसका घोर विरोध करता है। प्रबंधन आये दिन वी0सी0 कर कार्यो की समीक्षा करता है जिसमे ये स्वयम AC में बैठकर इस राख कर देने वाली गर्मी में काम करने वाले फील्ड के कार्मिकों को अनुभवहीनतापूर्ण आदेश लागू करने को कहता है। तो क्या कार्यो की समीक्षा मात्र निचले स्तर के कार्मिको की ही होनी चाहिए उनकी नही.. या फिर मौजूद प्रबंधन ने बिजली कार्मिको को बिलकुल ही दोयम दर्जे का नागरिक समझ लिया है..?

इस मनमाने आदेश को करने के बजाए प्रबंधन को चाहिए था कि अब तक हो चुके उ0प्र0 बिजली मज़दूर संगठन व प्रबंधन की दसियो वार्ता का कोई हल निकलते व समान कार्य समान वेतन के आधार पर वेतन विसंगति, पुरानी पेंशन बहाली कर व निजीकरण को रोक कर एक अच्छी कार्य संस्कृति बहाल करते जिससे बिजली मज़दूर के साथ साथ उपभोक्ता का भी भला होता।

इस मौजूदा प्रबंधन का बिजली मज़दूरों के प्रति अन्याय पूर्ण रवैय्या व समस्त बिजली व संविदा मज़दूरों की मांगों का न पूरा होना भी बेहतर कार्य संस्कृति में बाधक बन रहा है। इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उ0प्र0 बिजली मज़दूर संगठन ने अनिश्चितकालीन व चरणबद्ध आंदोलन करने का फैसला लिया है, जिसकी घोषणा आगामी सप्ताहान्त तक कर दी जाएगी।


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