शिक्षा से सामाजिक परिवर्तन सम्भव -डा0 जगदीश गांधी
बच्चों की आज की शिक्षा विश्वव्यापी होना चाहिए :- लुडविग - अगर लोग छोटी-छोटी नादानियाँ नहीं करते तो कुछ भी बड़ा बुद्धिमत्तापूर्ण काम नहीं होता। चीनी कहावत - मुझे बताओ और मैं भूल जाऊंगा। मुझे दिखाओ और शायद मैं याद रखूँगा। मुझे शामिल करो और मैं समझूंगा। जी.के.चेस्तेरसों - शिक्षा हमारे समाज की आत्मा है जो कि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दी जाती है। फ्रेदेरिच्क - निर्देश कक्षा के बाहर समाप्त हो जाते हैं लेकिन शिक्षा जीवन से साथ समाप्त होती है। अरिस्तु - शिक्षा की जड़ें कडवी हैं लेकिन फल बहुत ही मीठा है। अल्बर्ट आइंस्टीन - जो कुछ भी हमने स्कूल में सीखा है, वो सब भूल जाने के बाद भी जो हमें याद रहता है, वो ही हमारी शिक्षा है। चीनी कहावत - एक शिक्षक दरवाजा खोल सकता है, लेकिन उस दरवाजे के अन्दर प्रवेश आपको खुद ही करना है। रोबर्ट जी. इन्गेर्सोल्ल - व्यावहारिक विवेक का होना शिक्षित होने से हजार गुना बेहतर है। रोबर्ट मेनार्ड - युवा पीढ़ी को इस काबिल बनाना कि वो जीवन भर अपने आप को प्रशिक्षित करते रहें, ये शिक्षा का असली उद्देश्य है। लियो बुस्काग्लिया - परिवर्तन ही सच्ची विद्या का अंतिम परिणाम है। महात्मा गांधी - जीवन ऐसे जियो कि आप कल मर जायेंगे, ज्ञान ऐसे प्राप्त करो कि आप अमर हैं।
शिक्षा के द्वारा वसुधा को एक कुटुम्ब बनाये :- दत्तात्रेय - जीवन में प्रत्येक व्यक्ति से शिक्षा ग्रहण की जा सकती है। रोबर्ट एम हचिन्स - बालकों के जीवनपर्यंत स्वयं को शिक्षित करते रहने में सक्षम बनाना ही शिक्षा का ध्येय है। जॉन जी. हिबन - शिक्षा जीवन की परिस्थितियों का सामना करने की योग्यता का नाम है। अर्नेस्ट डिमनेट - बच्चों को शिक्षित करना तो जरूरी है ही, उन्हें अपने आप को शिक्षित करने के लिए छोड़ देना भी उतना ही जरूरी है। सूर्यकांत त्रिपाठी - संसार में जितने प्रकार की प्राप्तियाँ हैं, शिक्षा सब से बढ़कर है। विल्मट- शिक्षा जीवन की तैयारी का शिक्षण काल है। डा0 राधाकृष्णन - उच्चतम शिक्षा वह नहीं है जो आपको मात्र सूचनाएं प्रदान करती हैं। उच्चतम शिक्षा वह है जो आपको सम्पूर्ण अस्तित्व और उसके परे भी जो है उसके साथ एक करती है। अरस्तू - युवकों की शिक्षा पर ही राज्य आधारित है। ग्लैडस्टन - विद्या अमूल्य और अनश्वर धन है।
शिक्षा के परिवर्तन से ही सामाजिक परिवर्तन होगा :- होरेस मैन - शिक्षा प्राप्त किये कोई व्यक्ति अपनी परम ऊँचाइयों को नहीं छू सकता। राबर्ट फ्रोस्ट - शिक्षा अपने क्रोध या अपने आत्म विश्वास को खोये बिना लगभग कुछ भी सुनने की क्षमता है। तिलक - शिक्षा स्वतंत्रता के स्वर्ण द्वार खोलने के कुंजी है। स्किन्नर - जो आपने सीखा है उसे भूल जाने के बाद जो रह जाता है वो शिक्षा है। जी. एम् ट्रेवेल्यन - शिक्षा ने ऐसी बहुत बड़ी आबादी पैदा की है जो पढ़ तो सकती है पर ये नहीं पहचान सकती की क्या पढ़ने लायक है। मैल्कम फोर्ब्स - शिक्षा का मकसद है एक खाली दिमाग को खुले दिमाग में परिवर्तित करना।
मिलकर करें प्रयास हमें शिक्षा द्वारा परिवर्तन लाना है :- विक्टर ह्यूगो - वो जो स्कूल के दरवाजे खोलता है, जेल के दरवाजे बंद करता है। रोबर्ट ग्रीन इन्गेर्सोल - बिना शिक्षा के कामन सेन्स होना, शिक्षा प्राप्त करके भी कामन सेन्स ना होने से हजार गुना बेहतर है। वेन्डेल फिलिप्स - जिम्मेदारी शिक्षित करती है। अल्विन टोफ्फ्लर - भविष्य में वो अनपढ़ नहीं होगा जो पढ़ ना पाए. अनपढ़ वो होगा जो ये नहीं जानेगा की सीखा कैसे जाता है। राबर्ट एम. हचिंस - शिक्षा का उद्देश्य है युवाओं को खुद को जीवन भर शिक्षित करने के लिए तैयार करना। अन्थोनी जे. डी' एंजिलो- जीवन में बस वही वास्तविक असफलता है जिससे आपने सीख नहीं ली। अल्बर्ट आइन्स्टीन - केवल एक चीज जो मुझे सीखने में हस्तक्षेप करती है वो है मेरी शिक्षा। अरस्तु - शिक्षा की जड़ कडवी है, पर उसके फल मीठे है। अबीगेल वैन बरेन - सच है, अल्प ज्ञान खतरनाक है, पर फिर भी ये पूर्ण रूप से अज्ञानी होने से बेहतर है।
समाज के वास्तविक शिल्पकार होते है शिक्षक :- ए. बार्टलेट जियामेट्टी- एक उदार समाज के मूल में उदार शिक्षा होती है और एक उदार शिक्षा के मूल में शिक्षण का कार्य होता है। एर्न्स्ट डीम्नेट - बच्चों को शिक्षित किया जाना चाहिए, पर उन्हें खुद को शिक्षित करने के लिए भी छोड़ दिया जाना चाहिए। अन्थोनी जे. डी' एंजेलो - सीखने के लिए एक जूनून पैदा कीजिये. यदि आप कर लेंगे तो आपका विकास कभी नहीं रुकेगा। एडवर्ड एवरेट - किसी सेना की अपेक्षा शिक्षा स्वतंत्रता के लिए एक बेहतर सुरक्षा है। ऑस्कार वाइल्ड - शिक्षा एक सराहनीय चीज है, पर समय समय पर ये बात याद कर लेनी चाहिए की ऐसा कुछ भी जो जानने योग्य है उसे सिखाया नहीं जा सकता। डेवे - शिक्षा जीवन की तैयारी नहीं है जीवन शिक्षा खुद जीवन है।
शिक्षा हमें मिल-जुलकर रहना सीखाती है :- महात्मा गाँधी - सदाचार और निर्मल जीवन सच्ची शिक्षा का आधार है तथा जैसे सूर्य सबको एक-सा प्रकाश देता है, बादल जैसे सबके लिए समान बरसते हैं, इसी तरह विद्या-दृष्टि सब पर बराबर होनी चाहिए। हरबर्ट स्पेंसर - शिक्षा का उद्देश्य चरित्र-निर्माण है। स्वामी विवेकानन्द - मनुष्य में जो सम्पूर्णता गुप्त रूप से विद्यमान है उसे प्रत्यक्ष करना ही शिक्षा का कार्य है तथा शिक्षा विविध जानकारियों का ढेर नहीं है। प्लेटो - शरीर और आत्मा में अधिक से अधिक जितने सौदंर्य और जितनी सम्पूर्णता का विकास हो सकता है उसे सम्पन्न करना ही शिक्षा का उद्देश्य है।
शिक्षा द्वारा युवा पीढ़ी अपने समक्ष मानव जाति की सेवा का आदर्ष रखे :- हर्बर्ट स्पेन्सर - शिक्षा का महान उद्देश्य ज्ञान नहीं, कर्म है। बर्क - शिक्षा क्या है? क्या एक पुस्तकों का ढेर? बिल्कुल नहीं, बल्कि संसार के साथ, मनुष्यों के साथ और कार्यों से पारस्परिक सम्बन्ध। अरस्तु - जिन्होंने शासन करने की कला का अध्ययन किया है उन्हें यह विश्वास हो गया है कि युवकों की शिक्षा पर ही राज्यों का भाग्य आधारित है। महामना मदनमोहन मालवीय - युवकों को यह शिक्षा मिलना बहुत जरूरी है कि वे अपने सामने सर्वोत्तम आदर्श रखें। एडीसन - शिक्षा मानव-जीवन के लिए वैसे ही है जैसे संगमरमर के टुकड़े के लिए शिल्प कला। निराला - संसार में जितने प्रकार की प्राप्तियाँ हैं, शिक्षा सबसे बढ़कर है। प्रेमचन्द - जो शिक्षा हमें निर्बलों को सताने के लिए तैयार करे, जो हमें धरती और धन का गुलाम बनाये, जो हमें भोग-विलास में डुबोये, वह शिक्षा नहीं भ्रष्टता है। नेलशन मण्डेला - विश्व में शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे सामाजिक बदलाव लाया जा सकता है।
प्रत्येक बच्चे का दृष्टिकोण सारी मानव जाति की भलाई का बनाना चाहिए :- महात्मा गांधी - ''एक दिन आयेगा, जब शांति की खोज में विश्व के सभी देश भारत की ओर अपना रूख करेंगे और विश्व को शांति की राह दिखाने के कारण भारत विश्व का प्रकाश बनेगा।'' डॉ. बी0 आर0 अम्बेडकर - ''कानून और व्यवस्था किसी भी राजनीति रूपी शरीर की औषधि है और जब राजनीति रूपी शरीर बीमार हो जाये तो हमें कानून और व्यवस्था रूपी औषधि का उपयोग राजनीति रूपी शरीर को स्वस्थ करने के लिए करना चाहिए।'' डॉ0 राम मनोहर लोहिया - 'विश्व विकास परिषद' का गठन किया था जो कि सम्पूर्ण विश्व में शांति स्थापित करने के लिए विश्व सरकार के गठन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम था। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् - ''निःसंदेह आज हम एक एकताबद्ध विश्व की ओर अग्रसर है, जिसमें एक केन्द्रीय प्राधिकरण की स्थापना होगी, जिसके आगे बल प्रयोग के सभी कारकों का समर्पण किया जायेगा.. और सभी स्वतंत्र राष्ट्रों को, सम्पूर्ण विश्व की सुरक्षा के हित में, अपनी स्वायत्ता के कुछ अंश का परित्याग करना होगा...।'' मार्टिन लूथर किंग - ''या तो हम संसार में रहने वाले सभी भाई-बहिन की तरह मिलकर रहे अन्यथा हम सभी मूर्खों की तरह एक साथ मरेंगे।'' जॉन एफ0 कैनेडी - ''हमें मानव जाति को महाविनाश से बचाने के लिए विश्वव्यापी कानून बनाना एवं इसको लागू करने वाली संस्था को स्थापित करना आवश्यक होगा और विश्व में युद्ध और हथियारों की दौड़ को विधि विरूद्ध घोषित करना होगा।'' विन्सटन चर्चिल - ''यदि हम विश्व सरकार न बना पाये, तो तृतीय विश्व युद्ध से संसार को कोई नहीं बचा पायेगा।'' सबसे अधिक शक्तिशाली वह विचार है जिसका समय आ गया है :- यू थॉन्ट, संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव - ''कानून की डोर से बंधा हुआ विश्व पूर्णतया वास्तविक है तथा इसे प्राप्त किया जा सकता है।'' अल्बर्ट आइंस्टीन - ''केवल विश्व कानून एक सभ्य व शांतिपूर्ण समाज की ओर ले जाने की गांरटी दे सकता है।''
मिखाईल गोर्वाचोव ने कहा है कि ''एक विश्व सरकार की जरूरत की बारे में जागरूकता तेजी से फैल रही है। एक ऐसी व्यवस्था जिसमें विश्व के प्रत्येक देश अपना-अपना योगदान करेंगे।'' ड्वाइट डी. आइजनहॉवर - ''एक ऐसा कानून होना चाहिए, जो सभी राष्ट्रों पर लागू होता हो क्योंकि बिना ऐसे कानून के विश्व सिर्फ अपूर्ण न्याय ही दे सकेगा जैसे एक बाहुबली के द्वारा कमजोर को दी गई दया की भीख।''पोप जॉन पाल द्वितीय - ''अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को नियमित करने के लिए कानून की व्यवस्था का समर्थन करना चाहिए।'' बर्टेन्ड रसेल - ''मैं फिर से कहता हूँ कि 'हमारा लक्ष्य' एक विश्व सरकार के गठन का होना चाहिए।'' जैन टिनबरजन - ''मानवजाति की समस्याओं का हल अब राष्ट्रीय सरकारों द्वारा सम्भव नहीं है। आज विश्व सरकार के गठन की आवश्यकता है। यह संयुक्त राष्ट्र संघ को अधिक शक्तिशाली बनाकर ही सम्भव है, अर्थात यह तभी संम्भव है जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ से वीटो पावर व्यवस्था समाप्त कर दी जाए।'' विक्टर ह्यूगो - ''विश्व की सारी सैन्य शक्ति से अधिक शक्तिशाली वह विचार है जिसका समय आ गया है।''
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