दुनिया का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव लखनऊ में 4 अप्रैल से

 दुनिया का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव लखनऊ में 4 अप्रैल से, 101 देशों की शिक्षात्मक बाल फिल्मों का होगा प्रदर्शन...


फिल्म जगत की दिग्गज हस्तियाँ एवं बाल कलाकार समारोह की गरिमा को बढ़ायेंगें...


लखनऊ। विश्व का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2019) आगामी 4 से 9 अप्रैल तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है। छात्रों व युवाओं के नैतिकचारित्रिक व आध्यात्मिक विकास को समर्पित इस नौ-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव में 101 देशों की 1654 शैक्षिक बाल फिल्में निःशुल्क प्रदर्शित की जायेंगी। इसके अलावा, अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के अन्तर्गत फिल्म जगत की दिग्गज हस्तियाँ एवं बाल कलाकार समारोह की गरिमा को बढ़ायेंगे। उक्त जानकारी यहाँ आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में डा. जगदीश गाँधी ने पत्रकारों को दी एवं इस बाल फिल्मोत्सव के उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की।


इस अवसर पर आई.सी.एफ.एफ.-2019 के फेस्टिवल डायरेक्टर एवं सी.एम.एस. फिल्म्स व रेडियो डिवीजन के हेड वर्गीश कुरियन भी उपस्थित थे। प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए डा. गाँधी ने बताया कि सी.एम.एस. के लिए यह बड़े गर्व व  प्रसन्नता का विषय है कि बाल फिल्मोत्सव के सभी 9 दिनों में बच्चों के उत्साहवर्धन हेतु फिल्म जगत की दिग्गज हस्तियाँ एवं बाल कलाकार लखनऊ पधारेंगे एवं युवा पीढ़ी में अच्छी व शिक्षात्मक फिल्मों के प्रति उत्साह जगायेंगे।


इन बाल कलाकारों में अनुष्का सेन, जपतेज सिंह, रुद्र सोनी, अमन सिद्दीकी, रूबल जैन एवं दर्शील सफारी आदि प्रमुख हैं। डा. गाँधी ने आगे बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव में विभिन्न श्रेणियों के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को 10 लाख रूपये के नगद पुरस्कारों से सम्मानित किया जायेगा। सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्मों का चयन एक अन्तर्राष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा किया जायेगा, जिनमें निल्स मामरोज (डेनमार्क), लाली किक्नावेलीज (जार्जिया),  विद्याशंकर एन जोईस (भारत),  श्याम प्रसाद (भारत) एवं विनोद गनात्रा (भारत) शामिल हैं।


बाल फिल्मोत्सव के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए डा. गाँधी ने कहा कि यह फिल्म फेस्टिवल मात्र मनोरंजन के लिए नहीं है बल्कि यह शिक्षा का एक अभिन्न अंग है एवं छात्रों व किशोरों को जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का अनूठा माध्यम है। वर्तमान परिस्थितियों में फिल्म जैसे सशक्त माध्यम का सकारात्मक उपयोग बच्चों के नैतिक गुणों को विकसित करने के लिए उठाना बहुत आवश्यक हो गया है। उन्होंने इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव को सफल बनाने में सभी के सहयोग हेतु पुरजोर अपील की। प्रेस कान्फ्रेन्स में उपस्थित सी.एम.एस. फिल्म्स डिवीजन के हेड एवं आई.सी.एफ.एफ.-2019 के फेस्टिवल डायरेक्टर वी. कुरियन ने कहा कि लखनऊ व आसपास के क्षेत्रों के बच्चों के लिए साफ-सुथरे, सात्विक एवं शिक्षाप्रद मनोरंजन का पिटारा अब बस खुलने ही वाला है।


यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव सभी के लिए पूर्णतया निःशुल्क है। बाल फिल्मोत्सव में प्रातः 9.00 बजे एवं दोपहर 12.00 बजे से रोजाना दो फिल्म शो आयोजित होंगे तथापि बाल फिल्मों का प्रदर्शन सी.एम.एस. कानपुर रोड के मेन आडिटोरियम के अलावा सात मिनी ऑडिटोरियम में एक साथ किया जायेगा। बच्चों की सुविधा के लिए विदेशी बाल फिल्मों का हिन्दी व अंग्रेजी रूपान्तरण भी साथ-साथ दिखाया जायेगा। 


लखऩऊ एवं आसपास के क्षेत्रों के दो लाख से अधिक बच्चे इस बाल फिल्मोत्सव से लाभान्वित होंगे। अभी तक लगभग लगभग 75,000 से अधिक बच्चों की एडवान्स बुकिंग हो चुकी है। शिक्षात्मक फिल्मों के माध्यम से बच्चों को नैतिक व चारित्रिक उत्थान की शिक्षा देने के चुनौतीपूर्ण एवं पुनीत कार्य में पिछले कई वर्षों से जी-जान से जुटा है एवं इस दिशा में आगामी अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल मील का पत्थर साबित होगा।



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