'सबका साथ, सबका विकास' का संकल्प

राज्यपाल ने विधान मण्डल के दोनों सदनों के समवेत अधिवेशन को सम्बोधित..


लखनऊ। राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के दोनों सदनों के वर्ष 2019 के प्रथम सत्र के समवेत अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य अपराध एवं भयमुक्त तथा विकासोन्मुखी वातावरण सृजित कर कानून का राज स्थापित करना है। सरकार सभी वर्गों की उन्नति एवं उनके सर्वांगीण विकास के साथ-साथ राज्य की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक धरोहर को एकनई पहचान दिलाते हुए प्रदेश के गौरव को पुनस्र्थापित करने और उसमें उत्तरोत्तर वृद्धि हेतु प्रयासरत है।


राज्य सरकार का लक्ष्य अपराध एवं भयमुक्त तथा विकासोन्मुखी वातावरण सृजित कर कानून का राज स्थापित ...


प्रदेश सरकार सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः' के आदर्श को अपनाते हुए सभी वर्गों विशेष रूप से किसानों, गरीबों, वंचितों, शोषितों एवं समाज के अन्य उपेक्षित वर्गों के उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है।  गांव, गरीब, किसान नौजवान एवं महिलाओं सहित समाज के वंचित और उपेक्षित वर्गों का उत्थान राज्य सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश सरकार द्वारा संविधान की मूल भावना के अनुरूप बिना भेदभाव के प्रदेशवासियों को शासन की योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश की जनता के विकास के लिये उठाये गये सशक्त कदमों को आगे भी जारी रखते हुए राज्य सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के संकल्प को साकार करेगी।



प्रदेश विधान मण्डल के वर्ष 2019 के दोनों सदनों का प्रथम सत्र ऐसे समय में प्रारम्भ हो रहा है जब प्रयागराज में कुम्भ का आयोजन चल रहा है। कुम्भ के भव्य और दिव्य आयोजन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्र सरकार के सहयोग से किये गये व्यापक प्रबन्धों से श्रद्धालुओं को इस पावन अवसर पर सुविधा, सुरक्षा तथा श्रद्धा-भक्ति से आप्लावित वातावरण प्राप्त हो रहा है।


कुम्भ विश्व में मानवता का विशालतम समागम है। सरकार के आमंत्रण पर विभिन्न राष्ट्रों के प्रतिनिधि तथा प्रवासी भारतीय भी इस भव्य आयोजन के साक्षी बने हैं। यूनेस्को द्वारा कुम्भ के महत्व को देखते हुए इसे 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता प्रदान की गयी है। 


मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों व शिल्पियों के व्यवसाय में वृद्धि के लिए 'उ0प्र0 माटी कला बोर्ड का गठन..


'एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना आदि की चर्चा करते हुए  प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिये राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रहीं हैं। 'एक जनपद एक उत्पाद योजना से प्रदेश के विभिन्न जनपदों के चिन्हित उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार, स्थानीय कौशल के संरक्षण, आधुनिकतम तकनीक, उन्नत टूल किट, वित्त पोषण एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक विपणन को बढ़ावा दिया जा रहा है। योजनान्तर्गत 78,000 लाभार्थियों को लगभग 7,500 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया। योजना से अब तक लगभग 4 लाख युवकों को रोजगार से जोड़ा गया है। आने वाले 5 वर्षों में इस योजना से 20 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे।  विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना प्रदेश के पारम्परिक कारीगरों यथा बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, नाई, मोची, राज मिस्त्री के उत्थान के लिए प्रारम्भ की गयी है। योजना के तहत पारम्परिक कारीगरों को व्यवसायगत प्रशिक्षण, उन्नत ठूल-किट प्रशिक्षण उपरान्त प्रमाण-पत्र प्रदान किये जा रहे हैं। इस योजना से परम्परागत उद्योगों को बढ़ावा तथा इनसे जुड़े कारीगरों के जीवन स्तर में सुधार आएगा। मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों व शिल्पियों के व्यवसाय में वृद्धि के लिए उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड का गठन किया गया है। 


पारम्परिक कारीगरों के उत्थान के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना प्रारम्भ..


पूर्वान्चल क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए लखनऊ से गाजीपुर तक लगभग 341 किलोमीटर लम्बाई वाले पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रदेश के वित्तीय स्रोतों से कराया जा रहा है। इससे गोरखपुर को जोड़ने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए 296 किलोमीटर लम्बे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी कराया जाएगा। 29 जनवरी, 2019 को प्रयागराज में मंत्रि-परिषद की बैठक आयोजित की गयी।


मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने के लिए 'गंगा एक्सप्रेस-वे को सैद्धान्तिक सहमति...


इस बैठक में प्रदेश के पश्चिमी भाग (मेरठ) को पूर्वी भाग (प्रयागराज) से जोड़ने के लिए 'गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई है। यह एक्सप्रेस-वे मेरठ, अमरोहा, बुलन्दशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपदों से होकर गुजरेगा। 4-लेन एक्सपेन्डेबल टू 6-लेन एक्सेस कण्ट्रोल्ड ग्रीनफील्ड गंगा एक्सप्रेस-वे की लम्बाई लगभग 600 कि0मी0 होगी। 


प्रदेश की जनता को बेहतर एवं विशेषीकृत (स्पेशलाइज्ड) चिकित्सा सुविधा के लिए देवरिया, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, हरदोई तथा एटा जनपदों के जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर 8 नवीन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बनाये जा रहे हैं। एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ में इस वर्ष अनेक नई चिकित्सा सुविधाएं प्रारम्भ की गयी हैं। यहां स्थित ट्रॉमा सेन्टर को 60 शैय्या से बढ़ाकर 200 शैय्या किये जाने की योजना है। माह फरवरी में यहां देश की पहली रोबोटिक सर्जरी का भी शुभारम्भ किया जा रहा है।


डा0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के द्वितीय चरण के विस्तार में 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय का निर्माण प्रस्तावित है। जनपद बलरामपुर में के0जी0एम0यू0, लखनऊ के सैटेलाइट कैंपस की भी स्थापना की जा रही है। गरीब परिवारों को गम्भीर बीमारियों के निःशुल्क उपचार हेतु आयुष्मान भारत गरीब परिवारों को गम्भीर बीमारियों के निःशुल्क उपचार हेतु आयुष्मान भारत योजना में प्रति परिवार 05 लाख रुपये प्रतिवर्ष की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।


भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः' के आदर्श को अपनाते हुए सभी वर्गों विशेष रूप से किसानों, गरीबों, वंचितों, शोषितों एवं समाज के अन्य उपेक्षित वर्गों के उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध...


इस योजना में अब तक 13,81,720 गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं तथा 28,196 मरीजों का निःशुल्क इलाज किया गया है। वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2018 में प्रदेश में पूर्ण प्रतिरक्षित बच्चों का प्रतिशत 74 से बढ़कर 82 प्रतिशत हुआ है। वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में प्रदेश के चिकित्सालयों में उपचारित वाह्य रोगियों की संख्या 44 प्रतिशत तथा अंतः रोगियों की संख्या में 49 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


प्रदेश की समस्त जनता के हित में सभी सदस्य राज्य सरकार का सहयोग कर जनाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दलीय निष्ठा से ऊपर उठ कर विस्तृत विचार-विमर्श कर समाधान निकालेंगे। वर्ष 2019 के लोक सभा का चुनाव के दृष्टिगत उन्होंने सभी मतदाताओं से आग्रह किया कि संविधान द्वारा प्रदत्त मताधिकार का प्रयोग कर अधिक से अधिक मतदान करें। साथ ही, राजनैतिक पार्टियां और निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े हुए अधिकारी, कर्मचारी, कानून-व्यवस्था से जुड़े हुए पुलिस और सशस्त्र सेना के अधिकारी तथा सैनिक अपने दायित्व के अनुसार कार्य करके चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराएं। 


 


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